Tuesday, April 26, 2011

जन लोकपाल कानून बनने के बाद भ्रष्टाचारियों को क्या सजा हो सकती है?


भ्रष्टाचार साबित होने पर एक साल से लेकर उम्र भर के लिए जेल
आज हमारे भ्रष्टाचार निरोधक कानून में भ्रष्टाचार के लिए कम से कम 6 महीने की सज़ा का प्रावधान है और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सज़ा का प्रावधान है। जनलोकपाल कानून में यह कहना है कि इसे बढ़ाकर कम से कम एक साल और ज्यादा से उम्र कैद यानि कि पूरी जिन्दगी के कारावास का प्रावधान किया जाना चाहिए। 

भ्रष्टाचार से देश को हुए नुकसान की वसूली
आज हमारी पूरी भ्रष्टाचार निरोधक सिस्टम के अन्दर अगर किसी को सज़ा भी होती है, तो ऐसा कहीं भी नहीं लिखा कि उसने जितना पैसा रिश्वत में कमाया या जितना पैसा जितना उसने सरकार को चूना लगाया वो उससे वापस लिया जाएगा। तो जैसे केन्द्र सरकार मे मंत्री रहते हुए ए.राजा ने, ऐसा कहा जा रहा है कि उसने तीन हजार करोड़ रूपयों की रिश्वत ली, दो लाख करोड़ का उसने चूना लगाया। अब अगर ए.राजा को सज़ा भी होती है तो हमारे कानून के तहत उसको अधिकतम सात साल की सज़ा हो सकती है और सात साल बाद वापस आकर वो तीन हजार करोड़ रूपये उसके। हमने इस कानून में ये प्रावधान किया है कि सज़ा सुनाते वक्त ये जज की ज़िम्मेदारी होगी कि जितना उसने सरकारी खज़ाने को चूना लगाया है, यानि उस भ्रष्ट अफसर और भ्रष्ट नेता ने सरकार को जितना चूना लगाया है ये जज की जिम्मेदारी होगी कि वो सारा का सारा पैसा उससे रिकवर करने के लिए, उससे वापस लेने के लिए आदेश किए जाए और उससे रिकवर किए जाए।

जांच के दौरान आरोपी की सम्पत्ति के हस्तान्तरण पर रोक
जांच के दौरान अगर लोकपाल को ये लगता है कि किसी अधिकारी या नेता के खिलाफ सबूत सख्त हैं, तो लोकपाल उनकी सारी सम्पत्ति, उनकी जायदाद की पूरी लिस्ट बनाएगा और उसका नोटिफिकेशन जारी करेगा। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भ्रष्ट व्यक्ति उस सम्पत्ति को ट्रांसफर नहीं कर सकता। यानि न किसी के नाम कर सकता है और न ही बेच सकता है। 
नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि जैसे ही उसे पता चले तो वह अपनी सारी की सारी सम्पत्ति ट्रांसफर करदे और उसने सरकार को जितना चूना लगाया, उसकी सारी रिकवरी हो न पाए। 

नेताओं, अधिकारीयों और जजों की सम्पत्ति की घोषणा
कानून में ये प्रावधान दिया गया है कि हर अफसर को और हर नेता को हर साल के शुरूआत में अपनी अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा वेबसाइट पर डालना पड़ेगा और अगर बाद में ऐसी कोई सम्पत्ति मिलती है, जिसका ब्यौरा उन्होंने वेबसाइट पर नहीं डाला, तो यह मान लिया जाएगा कि वो सम्पत्ति उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिए हासिल की है और उस सम्पत्ति को जब्त करके उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दायर किया जाएगा।

5 comments:

  1. unako is desh se nikal dena hi chahiye........
    taki vo vapas is desh me na aye aur apni gandi rajaniti ko na failaye.......
    fasi do.....
    naga sabke samne mar do........
    koch bhi sunvai na ho....kyuki agar ho gayi to vo bach jayege (kyuki hamara kanoon hi bahot thakela he).......

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  2. SABSE PAHLE JANLOKPAL AMAL HO............
    USKE BAAD HAR NETA, YA USKE JAISE JAN PARTINIDHIYO KA PURA KALA DHAN KA HISAAB.........
    PHIR KHUD BHI BRASTACHAR NA FEILANE KI KASAM..... TABHI HOGA BRASTAMUKTA DESH....

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  3. NETA LOGO KE KHILAF MUKADAMA CHALAYA JAYEGA AUR WO MUKADAMA CHALEGA 100 saal 200 saal 1000 saal

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  4. AGAR JITANE BHI CORRUPTED LOAG MILTE HAIN UNKE SARRI SAMPATI AUR NAATE RESTEDAAR KI BHI SAMPATHI KO DEKHA JAYE JISESE PATA CHAL JAYE KI USKI KITNI SAMPTI HAI AUR BHRSTACHAR SO KAMAYI HAI.. JO BHI MILE IS CORRUPTION MAIN USKO AAJIVAN KARAVAAS KI SAJJA DI JAYE CHAHE KOI BHI KYON NA HO KISII KA KOI IS MAMLE MAIN REFERENCE NA CHALE JTNA SAKHT KANOON HOGA UTNA CORRUPTION KHATM HOGA

    RAJIV KUMAR FROM ETAWAH UP

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  5. yeh corrupted logo kee jee ka janjal sabet hoga saja ke dar se bhrastachar karne wala pehele sochega.........

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