शिकायत निवारण प्रणाली
21. नागरिक घोषणापत्र:
(1)
प्रत्येक लोक प्राधिकरण इस अधिनियम के प्रभाव में आने के अधिकतम एक साल के भीतर नागरिक अधिकार
पत्र की तैयारी और कार्यान्यवन सुनिश्चित करेगा.
(2)
प्रत्येक नागरिक घोषणापत्र में उस लोक प्राधिकरण की कार्य की
प्रतिबद्धता के बारे में, प्रत्येक
कार्य प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों के बारे में और इसके लिए समय सीमा के बारे में स्पष्ट विवरण
होगा.
(3)
प्रत्येक लोक प्राधिकरण एक प्राधिकारी नामित करेगा, जिसे लोक शिकायत निवारण अधिकारी कहा
जाएगा, जिसके पास शिकायतकर्ता नागरिक घोषणापत्र के
उल्लंघन की शिकायतें लेकर जाएंगे.
यह भी कि
लोक प्राधिकरण ऐसी हर जगह पर, कम से कम एक लोक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करेगा जहां उसका
कार्यालय होगा.
लोक शिकायत
निवारण अधिकारी विभाग का प्रमुख होगा या उससे एक दर्जे नीचे का अधिकारी, लेकिन अगर किसी जगह विभाग प्रमुख नहीं
है तो वहां के सबसे वरिष्ठ अधिकारी को लोक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया
जाएगा.
(4)
प्रत्येक लोक प्राधिकरण साल में कम से कम एक बार अपने मुख्य सतर्कता
अधिकारी की मौजूदगी में सार्वजनिक बैठक कर नागरिक घोषणापत्र की समीक्षा कर और
उसमें संशोधन करेगा.
(5)
लोकपाल किसी लोक प्राधिकरण को अपने नागरिक घोषणापत्र में परिवर्तन का
आदेश निर्गत कर सकेगा और लोक प्राधिकरण को आदेश मिलने के एक सप्ताह के भीतर उक्त
परिवर्तन करना होगा.
प्रावधानों के मुताबिक इस तरह के परिवर्तन को लोकपाल की कम से कम तीन सदस्यीय पीठ द्वारा अनुमोदित कराना होगा.
इस तरह के परिवर्तन में नागरिक घोषणापत्र की मौजूदा समय सीमा बढ़नी या वर्णित कार्यों की संख्या घटनी नहीं चाहिए.
प्रावधानों के मुताबिक इस तरह के परिवर्तन को लोकपाल की कम से कम तीन सदस्यीय पीठ द्वारा अनुमोदित कराना होगा.
इस तरह के परिवर्तन में नागरिक घोषणापत्र की मौजूदा समय सीमा बढ़नी या वर्णित कार्यों की संख्या घटनी नहीं चाहिए.
21क. शिकायत प्राप्ति व निपटान:
(1) किसी लोक प्राधिकरण का मुख्य सतर्कता अधिकारी उस लोक प्राधिकरण से
सम्बन्धित शिकायतों को प्राप्त करने एवं निपटाने के लिए उतनी संख्या में सतर्कता अधिकारी घोषित
करेगा जितना उचित लगे, जो कि
अपीलीय शिकायत अधिकारी के तौर पर जाने जाएंगे।
(2) यदि कोई नागरिक जन शिकायत निवारण अधिकारी के
समक्ष शिकायत करने के एक माह के अन्दर शिकायत का सन्तुष्टिपूर्ण निवारण प्राप्त
करने में विफल रहता है तो, अपीलीय
शिकायत अधिकारी के समक्ष शिकायत कर सकता है।
परन्तु शिकायत की गम्भीरता एवं तात्कालिकता पर विचार करते हुए अपीलीय शिकायत अधिकारी को यदि महसूस होता है कि, ऐसा करना जरूरी है तो, वह ऐसी शिकायत को जल्द भी स्वीकार करने का निर्णय कर सकता है।
परन्तु शिकायत की गम्भीरता एवं तात्कालिकता पर विचार करते हुए अपीलीय शिकायत अधिकारी को यदि महसूस होता है कि, ऐसा करना जरूरी है तो, वह ऐसी शिकायत को जल्द भी स्वीकार करने का निर्णय कर सकता है।
(3) यदि शिकायत उस लोक प्राधिकरण के नागरिक
चार्टर में विर्णत मुद्दे से सम्बन्धित नहीं है तो, अपीलीय शिकायत अधिकारी, शिकायत प्राप्त करने के एक माह के अन्दर, या तो शिकायत को नामंजूर करने या आदेश में विर्णत तरीके से उस
समय के अन्दर शिकायत के समाधान के लिए लोक प्राधिकरण को निर्देश देते हुए एक आदेश
जारी करेगा.
परन्तु यह भी कि शिकायतकर्ता को सुनवाई का अवसर दिये बगैर कोई
शिकायत नामंजूर नहीं की जाएगी.
(4) अपीलीय शिकायत अधिकारी को प्रेषित
शिकायत को सतर्कता दृष्टिकोण वाली शिकायत समझा जाएगा, यदि:
क. शिकायतकर्ता, सिटिज़न
चार्टर में वर्णित मुद्दों के लिए, जन
शिकायत निवारण अधिकारी से सन्तुष्टिपूर्ण निवारण पाने में विफल रहा है, अथवा, और
ख. सिटीज़न चार्टर में विर्णत मुद्दों से
अतिरिक्त के लिए, यदि इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (3) में
निर्धारित अपीलीय शिकायत अधिकारी के आदेश का उल्लंघन होता है।
(5) इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (4) में वर्णित, हरेक मामले को निम्न तरीके से समाधान
किया जाएगा:
क. सुनवाई का वाजिब अवसर देने के बाद, अपीलीय शिकायत अधिकारी शिकायकर्ता की
शिकायत को निर्धारित समय में सन्तुष्टिपूर्ण निवारण में विफलता के लिए जिम्मेदारी
तय करते हुए आदेश जारी कर सकता है और उस लोक प्राधिकरण के आरेखण एवं संवितरण
अधिकारी को आदेश में विर्णत तरीके से उस अधिकारी के वेतन से जुर्माने की रकम
वसूलने का निर्देश दे सकता है, अपीलीय शिकायत अधिकारी के निर्देश अनुसार, वह जुर्माना सिटीज़न चार्टर में
निदिर्ष्ट समय सीमा पूरा होने के दिन से या उस शिकायत के निवारण के लिए इस
अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (3) के
अन्तर्गत जारी आदेश में निदिर्ष्ट समय सीमा के दिन से गणना करके प्रतिदिन विलम्ब
के लिए रुपये 250 से कम नहीं
होना चाहिए।
ख.कथित अधिकारियों के वेतन से वसूली गई
रकमों को शिकायतकर्ता को क्षतिपूर्ति के लिए आरेखण एवं संवितरण अधिकारी को निर्देश
देना।
(6) इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (5) की उपधारा(क) के अन्तर्गत जारी किए जाने वाले आदेश में
उल्लेखित अधिकारियों को स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि उन्होंने नेकनीयती से कार्य
किया है और उनका कोई भ्रष्ट उद्देश्य नहीं है। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं
तो, अपीलीय
शिकायत अधिकारी कथित अधिकारियों के खिलाफ केन्द्रीय नागरिक सेवा विनियम के
अन्तर्गत जुर्माना लगाने की सिफारिश करेगा.
21ख. वार्षिक अखण्डता लेखा परीक्षण : समय-समय पर लोकपाल की ओर से तय
दिशानिर्देशों के अनुसार लोकपाल हरेक विभाग की वार्षिक अखण्डता लेखा परीक्षण करेगा।
बड़े या छोटे दण्ड का अधिरोपण
21ग. कदाचार के आरोप की शिकायतें सतर्कता अधिकारी के पास की जाएंगी. इन शिकायतों पर वही जांच भी करेगा.
21घ. अनुच्छेद 21क
के अन्तर्गत सतर्कता दृष्टिकोण वाली कदाचार एवं जन शिकायतों के आरोप निम्न तरीके
से हल किये जाएंगे:
(1)
सतर्कता अधिकारी ऐसे हरेक मामले में उसे प्राप्त करने के तीन माह के
अन्दर जांच करेगा और मुख्य सतर्कता अधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
(2)
रिपोर्ट प्राप्त करने के एक पखवाड़े के अन्दर, मुख्य सतर्कता अधिकारी उप मुख्य सतर्कता
अधिकारियों का तीन सदस्यीय पीठ गठित करेगा, इस पीठ में उपधारा (1) के अन्दर जांच करने वाला अधिकारी ‘शामिल नहीं होगा.
(3) यह पीठ जांच करने वाले सतर्कता अधिकारी, शिकायतकर्ता एवं आरोपी अधिकारी के साथ सारांश सुनवाई करेगी.
(4)
यह पीठ दैनिक आधार पर सुनवाई करेगी और आरोपी सरकारी सेवकों पर एक या
अधिक छोटे और बड़े दण्ड लगाते हुए आदेश जारी करेगी.
परन्तु ये
आदेश पीठ गठित करने के एक माह के अन्दर जारी किये जाएंगे।
साथ ही यह
भी कि ऐसे आदेश समुचित निनियोक्ता प्राधिकरण को सिफारिश के स्वरूप में होंगे।
(5)
पीठ के आदेश के खिलाफ मुख्य सतर्कता अधिकारी के समक्ष
अपील की जा सकेगी, जोकि आरोपी, शिकायतकर्ता एवं पूछताछ करने वाले
सतर्कता अधिकारी को सुनवाई का वाजिब अवसर देने के बाद, अधिकतम एक माह के अन्दर अपना आदेश जारी करेगा.
लोकपाल में कर्मचारी और स्टाफ एवं
अधिकारी
22. मुख्य सतर्कता अधिकारी:
(1)
प्रत्येक लोक प्राधिकरण में एक मुख्य सतर्कता अधिकारी होगा जिसका चयन
और नियुक्ति लोकपाल द्वारा की जाएगी.
(2)
वह सम्बन्धित लोक प्राधिकरण से नहीं होगा.
(3)
वह एक ईमानदार निष्ठावान और भ्रष्टाचार
के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करने में योग्य व्यक्ति
होगा.
(4)
वह किसी भी लोक प्राधिकरण के खिलाफ
शिकायत स्वीकार करने के लिए उतरादायी होगा और शिकायत प्राप्त होने के अधिकतम दो
दिन के भीतर सम्बन्धित लोक अधिकारी के पास उसे स्थानान्तरित करेगा.
(5)
लोकपाल द्वारा समय-समय पर दिए गए दायित्वों के निर्वाह के लिए वह उत्तरदायी होगा, जिनमें, लोकपाल द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए
गए तरीके से, शिकायतों का निपटान भी शामिल है.
परन्तु जिन शिकायतों के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत जांच आवश्यक है, उन्हें लोकपाल के जांच सम्भाग को स्थानान्तरित किया जाएगा.
साथ ही यह भी कि, संयुक्त सचिव या उससे ऊपर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ, काम पूरा न होने की शिकायतों के अतिरिक्त परिवादों को मुख्य सतर्कता अधिकारी नहीं देखेगा और उन्हें लोकपाल को स्थानान्तरित किया जाएगा, जो कि किन्ही तीन अन्य प्राधिकारणों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों की एक कमेटी गठित करेगा जो इन शिकायतों की जांच करेगी.
परन्तु जिन शिकायतों के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत जांच आवश्यक है, उन्हें लोकपाल के जांच सम्भाग को स्थानान्तरित किया जाएगा.
साथ ही यह भी कि, संयुक्त सचिव या उससे ऊपर स्तर के अधिकारियों के खिलाफ, काम पूरा न होने की शिकायतों के अतिरिक्त परिवादों को मुख्य सतर्कता अधिकारी नहीं देखेगा और उन्हें लोकपाल को स्थानान्तरित किया जाएगा, जो कि किन्ही तीन अन्य प्राधिकारणों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों की एक कमेटी गठित करेगा जो इन शिकायतों की जांच करेगी.
(6)
अगर किसी नागरिक को जन शिकायत अधिकारी से इस अधिनियम की धारा 21 के तहत सन्तोषजनक निवारण नहीं मिलता है
तो लोकपाल की ओर से मुख्य सतर्कता अधिकारी सभी शिकायतों को प्राप्त करेगा और उसका
निपटान करेगा.
(7)
लोकपाल के निर्णय के अनुसार समय-समय पर कुछ सतर्कता अधिकारियों की
नियुक्ति मुख्य सतर्कता अधिकारी के अधीन की जाएगी.
(8)
सतर्कता अधिकारियों एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी को ऐसे मामलों में
लोकपाल द्वारा केन्द्रीय नागरिक सेवा (आचरण) नियम के अन्तर्गत और समय समय पर
लोकपाल द्वारा तय किये जाने वाले नियमों के मुताबिक पूछताछ करने एवं जुर्माना
लगाने का अधिकार होगा।
23. लोकपाल के
कर्मचारी इत्यादि
(1) इस अधिनियम के
अन्तर्गत ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी होंगे जो इस अधिनियम के अन्तर्गत लोकपाल
को अपने कार्य को पूरा करने में मदद करने के लिए निर्धारित किये जा सकते हैं।
(2) अधिकारियों एवं
कर्मचारियों की संख्या एवं श्रेणी का निर्णय लोकपाल द्वारा किया जाएगा।
(3) उप-अनुच्छेद (1) में वर्णित अधिकरियों, एवं कर्मचारियों
की श्रेणियां, भर्ती एवं सेवा की शर्तें वे होंगी जो कि
लोकपाल द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं, इनमें विशेष
शर्तें या विशेष वेतन शामिल हैं जो कि निडर होकर अपना कर्र्तव्य निभाने के लिए
सक्षम बनाने के लिए जरूरी हो सकती हैं।
परन्तु यह कि जिस भी अधिकारी की निष्ठा सन्देहास्पद हो, उसे लोकपाल में नियुक्त करने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त यह भी कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी, जो कि लोकपाल में प्रतिनियुक्ति पर या किसी तरह से काम करते हैं, इस धारा के अन्तर्गत निर्धारित एकसमान नियमों एवं शर्तों के योग्य होंगे।
परन्तु यह कि जिस भी अधिकारी की निष्ठा सन्देहास्पद हो, उसे लोकपाल में नियुक्त करने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त यह भी कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी, जो कि लोकपाल में प्रतिनियुक्ति पर या किसी तरह से काम करते हैं, इस धारा के अन्तर्गत निर्धारित एकसमान नियमों एवं शर्तों के योग्य होंगे।
(4) उप-अनुच्छेद (1) के प्रावधानों के प्रति पूर्वाग्रह के बगैर, इस अधिनियम के अन्तर्गत जांच करने के उद्देश्य
से लोकपाल निम्न की सेवाएं ले सकता है -
क.
केन्द्र सरकार के किसी अधिकारी या जांच एजेंसी; या
ख.
किसी अन्य सरकार की पूर्व सहमति से उनका कोई
अधिकारी या जांच एजेंसी; या
ग.
निजी व्यक्ति सहित, कोई व्यक्ति, या कोई अन्य
एजेंसी।
(5) इस उप-अनुच्छेद
में जिक्र किये गये अधिकारी एवं कर्मचारी लोकपाल के प्रशासनिक एवं अनुशासनिक
नियन्त्रण में होंगे।
(6) लोकपाल को अपने
अधिकारी चुनने की शक्ति होगी। लोकपाल सरकारी एजेंसियों से तय समय के लिए
प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी प्राप्त कर सकता है या अन्य सरकारी एजेंसियों से स्थायी
आधार पर अधिकारी प्राप्त कर सकता है या स्थायी आधार पर नियत समय के लिए बाहर से
व्यक्ति नियुक्त कर सकता है।
(7) कर्मचारी एवं
अधिकारी ऐसे वेतनमान एवं भत्ते के हकदार होंगे, जो कि केन्द्र सरकार के साधारण वेतनमान से अलग
एवं ज्यादा हो सकता है, जो कि समय समय पर
लोकपाल द्वारा प्रधानमन्त्री के साथ विचार-विमर्श से तय किया जाएगा, ताकि लोकपाल में
काम करने के लिए ईमानदार एवं सक्षम लोग आकर्षित हों।
(8) लोकपाल अपने
सम्पूर्ण बजटीय बाधाओं के अन्तर्गत, अपने काम के बोझ के अनुसार एवं कार्यरत स्टाफों
के सेवा की शर्तों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्तरों पर अपने कर्मचारी कम करने
या बढ़ाने के लिए सक्षम होगा।
24. निरस्त व बचाव करना-
(1) केन्द्रीय सर्तकता आयोग अधिनियम निष्प्रभावी हो
जाएगा.
(2) निरस्त होने के बावजूद, इस अधिनियम के अन्तर्गत हुए कोई कार्य या चीज
इस अधिनियम के अन्तर्गत की हुई समझी जाएंगी और इस अधिनियम के समतुल्य प्रावधानों
के अन्तर्गत जारी और पूरी की जा सकती है।
(3) केन्द्रीय सतर्कता आयोग के समक्ष लंबित सभी पूछताछ एवं
जांच और अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही और जिनका निपटारा नहीं हुआ है, वे लोकपाल को हस्तान्तरित की जाएंगी और जारी
रहेंगी यदि वे इस अधिनियम के अंतर्गत उनके समक्ष शुरू होती हैं।
(4) किसी अधिनियम में कुछ व्यवस्था भी होने के
बावजूद, केन्द्रीय सतर्कता आयोग के सचिव एवं अन्य
अधिकारियों और कर्मचारियों का पद समाप्त किया जाता है और इसके बाद वे लोकपाल के
सचिव एवं अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के तौर पर नियुक्त किये जाते हैं। उस
सचिव, अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं सेवा की अन्य नियम व शर्तें, जब तक कि उन्हें बदला न जाए, वहीं होंगी जो इस अधिनियम में शुरू करने के ठीक
पहले वे हकदार रहे हैं।
(5) केन्द्र सरकार के सभी विभागों, केन्द्र सरकार के मन्त्रालयों, किसी केन्द्रीय अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित
निगम, सरकारी कम्पनियां, केन्द्र सरकार की या उनके द्वारा नियन्त्रित
सोसायटी एवं स्थानीय प्राधिकरण के नियन्त्रण के अन्तर्गत सभी सतर्कता प्रशासन, सभी उद्देश्यों के लिए अपने अधिकारियों, सम्पत्तियों एवं दायित्त्वों सहित लोकपाल को
हस्तान्तरित हो जाएंगे।
(6) उप-अनुच्छेद (5) में विर्णत
एजेंसियों की सतर्कता शाखा में कार्यरत अधिकारी लोकपाल में स्थानान्तरित किये जाने
वाले तारीख से पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर समझे जाएंगे। जबकि, लोकपाल उनमें से किसी को भी व कभी भी उनकी वापसी
कर सकता है।
(7) उप-अनुच्छेद (5) के अन्तर्गत
लोकपाल को स्थानान्तरित हुए अधिकारियों के विभाग का स्थानान्तरित अधिकारियों के
प्रशासन एवं कार्य पर कोई भी नियन्त्रण बन्द हो जाएगा।
(8) लोकपाल अधिकारियों को एक के बाद बदलते रहेंगे
और और हरेक विभाग का सतर्कता शाखा इस तरह बनाएंगे कि उसी विभाग का कोई अधिकारी उसी
विभाग के सतर्कता कार्य के लिए नियुक्त न हो।
(9) वह व्यक्ति लोकपाल के साथ नियुक्त नहीं होगा
जिन पर विचार करते समय उनके खिलाफ कोई भी सतर्कता पूछताछ या आपराधिक मामला लंबित या विचाराधीन हो।
25. लोकपाल की अन्वेषण
शाखा-
(1) लोकपाल में एक
अन्वेषण शाखा होगी.
(2) भ्रष्टाचार निवारण
अधिनियम के धारा 17 के प्रावधानों के बावजूद लोकपाल के स्तर
निर्धारित किए गए अन्वेषण शाखा के ऐसे अधिकारी इस अधिनियम के अधीन शिकायतों के
जांच के सिलसिले में पूरे देश में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं. उन्हें
वे सभी अधिकार, कर्र्तव्य, विशेषाधिकार और दायित्व हासिल होंगे जो किसी
घटना की जांच के लिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों को मिले हुए हैं.
(3) दिल्ली विशेष
पुलिस स्थापना को का वह भाग जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सम्बन्धित अपराधों के अन्वेषण और
अभियोजन के लिए प्रतिबद्ध होता है, अपने कर्मचारियों, साधनों और देनदारियों समेत सभी प्रयोजनों के लिए लोकपाल को हस्तान्तरित कर दिया जाएगा.
(4) उप-धारा (3) के तहत स्थानान्तरित किया गया दिल्ली विशेष
पुलिस विभाग, लोकपाल के सतर्कता विभाग का हिस्सा होगा.
(5) केन्द्रीय सरकार
का उस स्थानान्तरित प्रभाग व उनके कर्मचारियों पर कोई अधिकार नहीं होगा.
(6) स्थानान्तरित
कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य नियम व शर्तें उप धारा (3) के तहत वहीं होंगी, जिनके वे इस अधिनियम के प्रारम्भ होने से
तुरन्त पहले योग्य थे.
(7) वे सभी मामले जो
कि दिल्ली विशेष पुलिस प्रभाग के पास थे, वे सभी उप धारा (3) के तहत लोकपाल को स्थानान्तरित हो जाएंगे.
(8) किसी मामले की
जांच के पूरा होने के बाद, उस मामले को अन्वेषण शाखा लोकपाल की उपयुक्त
पीठ के सामने प्रस्तुत
करेगी ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि उस पर अभियोजन करने की इजाजत है या नहीं.
25क. अभियोजन शाखा- लोकपाल की एक
अभियोजन शाखा होगी. किसी मामले में जांच पूरी होने के बाद, जांच शाखा इसे अभियोजन शाखा को अग्रसित कर देगी, जिस पर अभियोजन करने या नहीं करने का निर्णय
अभियोजन शाखा लेगी.
परन्तु यह कि लोकपाल द्वारा चिन्हित विशिष्ट श्रेणी के मामलों में लोकपाल की पीठ द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा कि इसके अभियोजन की अनुमति देनी है या इंकार करना है.
यह भी कि जांच शाखा से मामला मिलने के दो सप्ताह के भीतर अभियोजन शाखा अभियोजन की अनुमति देने या नहीं देने का निर्णय लेगी, ऐसा नहीं होने की स्थिति में मान लिया जाएगा कि अभियोजन शाखा अभियोजन शुरू करने जा रही है.
परन्तु यह कि लोकपाल द्वारा चिन्हित विशिष्ट श्रेणी के मामलों में लोकपाल की पीठ द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा कि इसके अभियोजन की अनुमति देनी है या इंकार करना है.
यह भी कि जांच शाखा से मामला मिलने के दो सप्ताह के भीतर अभियोजन शाखा अभियोजन की अनुमति देने या नहीं देने का निर्णय लेगी, ऐसा नहीं होने की स्थिति में मान लिया जाएगा कि अभियोजन शाखा अभियोजन शुरू करने जा रही है.
26. लोकपाल के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत:
(1) लोकपाल के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ
की गई शिकायत की जांच, इस उपखंड के प्रावधानों के अनुसार , अलग से की जाएगी.
(2) ऐसी शिकायत अपराध के रूप में आरोपित, अथवा भ्रष्टाचार अधिनियम के अनुसार या दुराचार
या बेईमानी के मामले की हो सकती
है.
(3) लोकपाल में जैसे ही शिकायत दर्ज की जाएगी, शिकायत की सामग्री सहित लोकपाल की वेबसाइट पर
प्रदर्शित किया जाएगा,
परन्तु शिकायतकर्ता अगर चाहेगा तो उसकी पहचान नहीं बताई जाएगी.
परन्तु शिकायतकर्ता अगर चाहेगा तो उसकी पहचान नहीं बताई जाएगी.
(4) हर शिकायत की जांच, उसके मिलने के एक माह के भीतर पूरी कर ली
जाएगी.
(5) किसी अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच भारतीय
दण्ड संहिता की धारा 107, 166, 167, 177, 182, 191, 199, 200, 201,
204, 217, 218, 219, 463, 464, 468, 469, 470, 471, 474 के तहत की जाएगी.
(6) अगर जांच के दौरान ऐसा लगा कि लगाए गए आरोप सही
हैं तो उस अधिकारी से सारे अधिकार और दायित्व छीन लिए जाएंगे और उसे निलम्बित कर
दिया जाएगा.
(7) यदि पूछताछ या जांच पूरी होने के बाद, उस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के अन्तर्गत अभियोग चलाने का निर्णय लिया जाता
है या वह किसी दुर्व्यवहार अथवा गलत
तरीके से पूछताछ या जांच करने का दोषी पाया जाता है तो, वह व्यक्ति आगे से लोकपाल के साथ काम नहीं
करेगा। यदि वह व्यक्ति लोकपाल में नौकरी पर है तो लोकपाल उस व्यक्ति को नौकरी से
निकाल देगा, या यदि वह प्रतिनियुक्ति पर है तो, उसे नौकरी से निकालने की सिफारिश के साथ वापस
भेज दिया जाएगा।
परन्तु इस अनुच्छेद के अन्तर्गत आरोपी व्यक्ति का पक्ष सुनने का वाजिब अवसर दिये बगैर कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा।
परन्तु इस अनुच्छेद के अन्तर्गत जांच पूरी करने के लिए 15 दिनों के अन्दर वह आदेश जारी कर दिया जाएगा।
परन्तु इस अनुच्छेद के अन्तर्गत आरोपी व्यक्ति का पक्ष सुनने का वाजिब अवसर दिये बगैर कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा।
परन्तु इस अनुच्छेद के अन्तर्गत जांच पूरी करने के लिए 15 दिनों के अन्दर वह आदेश जारी कर दिया जाएगा।
(8) अपने स्टाफ एवं कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों
के मामले के सुनवाई तीन सदस्यीय न्यायपीठ करेगी। जबकि, मुख्य सतर्कता अधिकारी या उससे ऊपर के स्तर के
अधिकारियों के लिए, लोकपाल की पूर्ण पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी।
(9) लोकपाल यह सुनिश्चित करने के लिए सारे कदम
उठायेगा ताकि उसके अपने स्टाफ एवं कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों पर सभी पूछताछ
एवं जांच अति पारदर्शी एवं ईमानदारी पूर्ण तरीके से की जाए।
27. बचाव:
(1) किसी अध्यक्ष या सदस्य या किसी अधिकारी के
खिलाफ, कर्मचारी, एजेंसी, या व्यक्ति जो अपनी ड्यूटी करते समय अपना
दायित्व नेकनीयती से निभाता है तो उसके खिलाफ इस निदिर्ष्ट धारा 14( 4) के तहत गलत आरोप
लगाने पर कोई मुकदमा, अभियोग या अन्य कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
विविध
28. सार्वजनिक अधिकारी अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा
प्रस्तुत करें:
(1)
अनुच्छेद 2(12) (क) से (ग) में विर्णत के अलावा, प्रत्येक लोक सेवक
इस अधिनियम के शुरू होने के तीन माह के अन्दर और उसके बाद हर साल 30 जून के पहले, लोकपाल द्वारा
निर्धारित स्वरूप में, अपने लोक
प्राधिकरण के प्रमुख को, अपनी एवं जो अपने
परिवार के सदस्यों की सम्पत्तियों एवं जिम्मेदारियों का ब्यौरा प्रस्तुत करेगा।
अनुच्छेद 2(12) (क) से (ग) में
विर्णत लोकसेवक, लोकपाल को उपरोक्त
समय अवधि में, लोकपाल द्वारा
निर्धारित स्वरूप में रिटर्न प्रस्तुत करेगा, जिसमें उसकी आय के स्रोत भी शामिल होंगे।
(2)
हरेक लोक प्राधिकरण का प्रमुख यह सुनिश्चित
करेगा कि ऐसे सभी ब्यौरे उस वर्ष के 31 अगस्त तक वेबसाइट पर डाल दिये जाएं।
(3)
यदि उस लोक प्राधिकरण के प्रमुख को उप-अनुच्छेद
(1) में निर्धारित समय
में किसी लोक सेवक से ऐसा ब्यौरा प्राप्त नहीं होता है तो, उस लोक प्राधिकरण
का प्रमुख सम्बन्धित लोक सेवक को ऐसा तत्काल करने का निर्देश देगा। यदि अगले एक
माह में, सम्बन्धित लोक
सेवक ऐसा ब्यौरा प्रस्तुत नहीं करता है तो, प्रमुख उस लोक सेवक द्वारा वह ब्यौरा प्रस्तुत
करने तक उसका वेतन एवं भत्ता रोक देगा.
स्पष्टीकरण - इस अनुच्छेद में ``लोक सेवक का परिवार´´ का मतलब पत्नी एवं उसके बच्चे और लोक सेवक के माता पिता, जो उन पर आश्रित हों।
स्पष्टीकरण - इस अनुच्छेद में ``लोक सेवक का परिवार´´ का मतलब पत्नी एवं उसके बच्चे और लोक सेवक के माता पिता, जो उन पर आश्रित हों।
(4)
लोकपाल उस लोक सेवक के खिलाफ भारतीय दण्ड
संहिता की धारा 176 के अन्तर्गत
अभियोग शुरू कर सकता है।
28क. सम्पत्तियों को भ्रष्ट तरीकों से प्राप्त
किया गया समझा जाएगा:
(1) किसी लोक सेवक या
उसके परिवार के किसी सदस्य के स्वामित्व में ऐसी कोई चल या अचल सम्पत्ति पायी जाती
है, जिसे उस लोक सेवक द्वारा इस अनुच्छेद के
अन्तर्गत घोषित नहीं की गई थी जो कि इस अनुच्छेद के अन्तर्गत पिछली रिटर्न दाखिल
करने से पहले हासिल की गई हैं, तो उसे भ्रष्ट
तरीके से अर्जित किया गया समझा जाएगा।
(2) किसी लोक सेवक या उसके परिवार के किसी सदस्य के
कब्जे में ऐसी कोई चल या अचल सम्पत्ति पायी जाती है, जो कि इस अनुच्छेद
के अन्तर्गत उस लोक सेवक द्वारा घोषित नहीं की गई थी, वह उस लोक सेवक के स्वामित्व में माना जाएगा
एवं वह लोक सेवक द्वारा भ्रष्ट तरीके के माध्यम से हासिल किया हुआ समझा जाएगा, उसे अन्यथा साबित करने का दायित्व
लोक सेवक का होगा।
(3) किसी लोक सेवक को 15 दिनों के अन्दर इस बात का स्पष्टीकरण देने का
एक अवसर दिया जाएगा, कि –
क.
इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (1) के अन्तर्गत सम्पत्ति होने की स्थिति में, क्या उसने किसी भी पिछले सालों में उस सम्पत्ति
को घोषित किया था।
ख.
इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (2) के अन्तर्गत सम्पत्ति होने की स्थिति में, स्पष्टीकरण देने के लिए कि उसे लोक सेवक के
स्वामित्व में क्यों नहीं समझा जाना चाहिए।
(4) यदि लोक सेवक इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (3) के अन्तर्गत सन्तुष्टिपूर्ण जवाब प्रदान करने
में विफल रहता है तो, लोकपाल ऐसी सभी सम्पत्तियों को जब्त कर लेगा।
(5) इस अनुच्छेद के उप-अनुच्छेद (3) के अन्तर्गत जिसके लिए नोटिस जारी की जाती है, उन सम्पत्तियों का हस्तान्तरण नोटिस जारी करने
की तिथि के बाद अमान्य समझी जाएंगी।
(6) लोकपाल, उचित कार्रवाई के
लिए ऐसी जानकारी आय कर विभाग को सूचित करेगा.
(7) लोकपाल के उस आदेश के खिलाफ अपील उपयुक्त
अधिकार क्षेत्र के उच्च न्यायालय में किया जाएगा, जो अपील दाखिल
करने के तीन माह के अन्दर मामले का निर्णय करेगा-
परन्तु, उप-अनुच्छेद (4) के अन्तर्गत लोकपाल के आदेश के 30 दिन बीत जाने के बाद किसी अपील पर विचार नहीं किया जाएगा.
परन्तु, उप-अनुच्छेद (4) के अन्तर्गत लोकपाल के आदेश के 30 दिन बीत जाने के बाद किसी अपील पर विचार नहीं किया जाएगा.
(8) इस अनुच्छेद के अन्तर्गत जब्त समस्त सम्पत्तियों
को नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को दी जाएगी। उसकी आधी आय को लोकपाल
द्वारा भारत के समेकित कोष में जमा किया जाएगा। शेष रकम को लोकपाल द्वारा अपने खुद
के प्रशासन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
परन्तु यदि किसी मामले में अपील दाखिल की गई है तो अपील के निपटारे तक कोई नीलामी नहीं होगी.
परन्तु यदि किसी मामले में अपील दाखिल की गई है तो अपील के निपटारे तक कोई नीलामी नहीं होगी.
28ख (1) संसद के किसी
चुनाव के पूरा होने के तीन माह के बाद, लोकपाल उम्मीदवार
द्वारा भारत के चुनाव आयोग के पास प्रस्तुत सम्पत्ति के ब्यौरे की तुलना आयकर
विभाग के उपलब्ध उसके आय के स्रोत से करेगा। जिन मामलों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा
सम्पत्ति पायी जाती है, वह उपयुक्त कार्यवाही शुरू करेगा।
(2) किसी संसद सदस्य के खिलाफ यह आरोप लगता है कि
उसने संसद में मतदान करने या संसद में सवाल उठाने या अन्य किसी विषय सहित संसद के
किसी व्यवस्था में रिश्वत ली है तो, संसद सदस्य जिस
सदन का सदस्य है तदानुसार, लोकसभा स्पीकर या राज्य सभा अध्यक्ष के पास
शिकायत की जा सकती है. ऐसी शिकायतों पर निम्न तरीके से सुनवाई होगी:
क.
शिकायत प्राप्त होने के एक माह के अन्दर उसे
आचारनीति समिति के पास आगे भेजा जाएगा।
ख. आचारनीति समिति एक
माह के अन्दर निर्णय करेगी कि उस पर क्या किया जाना है।
29 प्रतिनिधियों को
कार्यभार सौंपने की शक्ति:
(1) लोकपाल अपने
मातहतों को शक्तियां और कार्य सौंपने का अधिकारी होगा.
(2) ऐसे अधिकारियों की
ओर से अपनी शक्तियों का प्रयोग कर जो कार्य किए जाएगा, उसे लोकपाल द्वारा किया माना जाएगा.
परन्तु नीचे लिखे गए कार्य पीठ द्वारा ही पूरे किए जाएंगे और इन्हें किसी और पर प्रत्यायोजित नहीं किया जाएगा.
परन्तु नीचे लिखे गए कार्य पीठ द्वारा ही पूरे किए जाएंगे और इन्हें किसी और पर प्रत्यायोजित नहीं किया जाएगा.
क.
किसी मामले में अभियोजन शुरू करने का आदेश
देना.
ख.
सीसीएस संचालित नियमों के अनुसार किसी सरकारी
कर्मचारी को बर्खास्त करना.
ग.
अनुभाग 10 के अन्तर्गत
लोकपाल के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत पर आदेश जारी करना.
घ.
संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ मामलों की
शिकायतों पर आदेश जारी करना.
30. समय सीमा:
(1) अनुभाग 9 के उपभाग (1) के अंर्तगत इस
अधिनियम में प्रारम्भिक जांच शिकायत प्राप्त होने के एक महीने में पूरी हो जानी
चाहिए.
परन्तु अगर जांच निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी नहीं होती है, तो जांच अधिकारी को इसका कारण बताने के लिए ज़िम्मेदार माना जाएगा.
परन्तु अगर जांच निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी नहीं होती है, तो जांच अधिकारी को इसका कारण बताने के लिए ज़िम्मेदार माना जाएगा.
(2) किसी आरोप की जांच
शिकायत मिलने से छह महीने और किसी भी परिस्थिति में एक वर्ष के भीतर पूरी की जाएगी
.
(3) लोकपाल की ओर से
दायर अभियोजन पर सुनवाई एक वर्ष के भीतर पूरी हो जानी चाहिए. स्थगन अति विशिष्ट
परिस्थितियों में ही दिए जाने चाहिए.
30क. पारदर्शिता और सूचना के अधिकार के लिए
प्रार्थना पत्र:
(1) लोकपाल हर सूचना
को वेबसाइट पर मुहैया कराने का हर सम्भव प्रयास करेगा.
(2) किसी मामले की
जांच पूरी हो जाने के बाद, उससे जुड़े सभी दस्तावेज आम जनता के लिए उपलब्ध
होंगे. लोकपाल को यह दस्तावेज वेबसाइट पर डालने का यथासम्भव प्रयास करना होगा.
परन्तु, जानकारी देते समय इस तथ्य का ध्यान रखा जाए कि जिस व्यक्ति ने अपनी पहचान छुपाने की बात कही है और कोई ऐसी सूचना जिससे देश की आन्तरिक और बाह्य सुरक्षा को खतरा हो, को प्रकट नहीं किया जाएगा.
परन्तु, जानकारी देते समय इस तथ्य का ध्यान रखा जाए कि जिस व्यक्ति ने अपनी पहचान छुपाने की बात कही है और कोई ऐसी सूचना जिससे देश की आन्तरिक और बाह्य सुरक्षा को खतरा हो, को प्रकट नहीं किया जाएगा.
31. विशिष्ट शिकायतों
पर जुर्माना:
(1) इस अधिनियम में
उल्लेखित होने के बावजूद, यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के अन्तर्गत कोई
ऐसी शिकायत करता है, जिसमें कोई आधार या साक्ष्य का अभाव हो और वह
किसी प्राधिकारों को तंग करने के लिए लोकपाल को की गई हो, तो, लोकपाल
शिकायतकर्ता पर जो उचित समझे वह जुर्माना लगा सकता है, लेकिन किसी एक मामले में कुल जुर्माना रुपये एक
लाख से ज्यादा नहीं होगा।
परन्तु सुनवाई का वाजिब अवसर दिये बगैर कोई जुर्माना नहीं लगाया जा सकता।
इसके साथ ही यह भी कि सिर्फ इसलिए कि इस अधिनियम के अन्तर्गत जांच के बाद मामला साबित नहीं हो पाया हो, तो इस अनुच्छेद के उद्देश्य के लिए शिकायतकर्ता के खिलाफ ऐसा नहीं किया जाएगा.
परन्तु सुनवाई का वाजिब अवसर दिये बगैर कोई जुर्माना नहीं लगाया जा सकता।
इसके साथ ही यह भी कि सिर्फ इसलिए कि इस अधिनियम के अन्तर्गत जांच के बाद मामला साबित नहीं हो पाया हो, तो इस अनुच्छेद के उद्देश्य के लिए शिकायतकर्ता के खिलाफ ऐसा नहीं किया जाएगा.
(2) वह जुर्माना भूमि
राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत बकाया अनुसार वसूले जा सकने योग्य होगा.
(3) इस अधिनियम के
अन्तर्गत एक बार जो शिकायत या आरोप कर दी गई हो उसे वापस लेने की अनुमति नहीं
होगी.
31क. निवारक उपाय:
(1) लोकपाल, नियमित समय अन्तराल पर, अपने अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले सभी लोक
प्राधिकरण के कार्य पद्धति का या तो स्वयं अथवा किसी अन्य के माध्यम से अध्ययन
करेगा और सम्बन्धित लोक प्राधिकरण से विचार-विमर्श करके, ऐसे निर्देश जारी करेगा जिसे वह भविष्य में भ्रष्टाचार की घटनाओं को
रोकने के लिए उचित समझे।
(2) लोकपाल इस अधिनियम
के बारे जागरूकता उत्पन्न करने एवं आम जनता को भ्रष्टाचार रोकने में शामिल करने के
लिए भी उत्तरदायी होगा।
31ख. पुरस्योजना:
(1) लोकपाल को सरकार
के भीतर और बाहर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्तियों को पुरस्कृत कर, आम जनता को
प्रोत्साहित करना चाहिए.
(2) लोकपाल को इस तरह
की योजना लागू करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए जिसमें शिकायतकर्ता को आर्थिक तौर
पर भी पुरस्कृत किया जा सके. लेकिन, यह पुरस्कार राशि
भ्रष्टाचार से होने वाले नुकसान की 10 फीसदी से अधिक
नहीं होनी चाहिए.
32. कानून बनाने का
अधिकार:
(1) सरकार अधिकारिक
गजट में अधिसूचना के द्वारा इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभाव में लाने के
उद्देश्य से नियम बनाएगी।
परन्तु ऐसे नियम केवल लोकपाल से विचार-विमर्श करके ही बनाये जाएंगे।
परन्तु ऐसे नियम केवल लोकपाल से विचार-विमर्श करके ही बनाये जाएंगे।
(2) खासकर, एवं पूर्वगामी प्रावधानों की व्यापकता पर
प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर, ऐसे नियम निम्न प्रदान कर सकते हैं :
क.
लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों को देय भत्ते, पेंशन और अन्य सेवा शर्तों के संबंध में;
ख.
अनुभाग 11 के उपभाग (2) के खण्ड (एच) के अन्तर्गत लोकपाल के पास एक
सिविल अदालत की शक्तियां प्राप्त होनीं चाहिए.
(2क) लोकपाल को सुचारू रूप से चलाने के लिए
लोकपाल को अपने नियम बनाने की छूट होनी चाहिए.
क.
लोकपाल के स्टाफ और कर्मचारियों आदि के वेतन, भत्ते, भर्ती और अन्य
सेवाओं के बारे में;
ख.
लोकपाल में मामले दर्ज कराने और कार्यवाही शुरू
करने की प्रक्रिया.
ग.
इसके साथ ही कोई अन्य विषय, जिसमें इस अधिनियम के अंर्तगत कानून बनाना
जरूरी हो.
(3) इस अधिनियम के अन्तर्गत
बने किसी नियम को पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ बनाया जा सकता है और जब ऐसा नियम
बनाया जाता है तो संसद के दोनों सदनो के समक्ष वक्तव्य में नियम बनाने की वजह को
स्पष्ट किया जाएगा.
(4) लोकपाल इस अधिनियम
में विभिन्न प्रावधानों में वर्णित समय सीमा का कड़ाई
से पालन करेगा. इसे हासिल करने के लिए, लोकपाल हरेक स्तर
के पदाधिकारी के लिए मानक तय करेगा और कार्य के बोझ के अनुसार अतिरिक्त संख्या में
पदाधिकारियों एवं बजट की जरूरत का आकलन करेगा.
32क. यह लोकपाल का कर्र्तव्य होगा कि अपने स्टाफ को नियमित अन्तराल में प्रशिक्षित करे और उनके कौशल में सुधार के लिए अन्य सभी कदम उठाये और लोगों के साथ व्यवहार करने के सोच में बदलाव लाए।
लोकपाल को हर स्पर होने वाले कार्य के मानदण्डों को सूचीबद्ध करना होगा. इसके बाद कार्य की मात्रा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लोगों की भर्ती की जरूरत और बजट का हिसाब लगाना होगा.
33. कठिनाइयों को दूर करना :- इस अधिनियम में
कुछ भी होने के बावजूद, राष्ट्रपति, लोकपाल के साथ
विचार-विमर्श करके या लोकपाल के निवेदन पर निम्न आदेश, ऐसे प्रावधान कर सकता है-
(1) इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी
संचालन में लाने के लिए
(2) केन्द्रीय सतर्कता
आयोग के समक्ष लंबित पूछताछ एवं जांच
को लोकपाल द्वारा जारी रखने के लिए।
34 . कानून बनाने की
शक्ति :- संस्था के अबाध क्रियाकलाप एवं इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के प्रभावी
क्रियान्वयन के लिए लोकपाल को अपने विनियम बनाने का अधिकार होगा।
35. यह अधिनियम अन्य
सभी कानूनों के प्रावधानों से सर्वोपरि होगा।
Is jan lok pal bill ko sabhi bharat vasi and politician's ko gambhirta se lena chahiye kyoki is draft me he desh ki pragati,Shakti awam samarth nihit hi.......Vandematram.
ReplyDeleteRajendra Sahu DOVA Fatehpur U.P.
lok pal bill is vrey good.
ReplyDeletethis is it
ReplyDeletemy support to this janlokpal bill and for god sake this should not be gonna fail.
ReplyDeleteThis is an excellent bill and I appreciate the work done by the drafting members of the India Against Corruption team. All patriotic Indians should support it.
ReplyDeleteDr.C.P.Gupta,MD
Physician,Riyadh(KSA)
Sir hospital me bhi bhout crupt log hai ews pt. Ko staff or doctors dhiyan bhi nhi dete unshe kha jata hai approach lao ..ager nhi hai toh treatment bhi let hota hai.. Esa kyu....
DeleteSir hospital me bhi bhout crupt log hai ews pt. Ko staff or doctors dhiyan bhi nhi dete unshe kha jata hai approach lao ..ager nhi hai toh treatment bhi let hota hai.. Esa kyu....
Deletethis is to good & excellent bill presenting for civil society & India against corruption team. all patriotic always support it.
ReplyDeleteRajendra Kumar
Comman man
Kindly upload the download version of Jan lokpal bill in Hindi. So that more Hindi Bhasi people can download for reading and make clear cut understanding on the Jan Lok Pal Bill. Because most the people in our country are HindiBhasi
ReplyDeleteDR. R. S. Koshyari
Dehradun
this lokpal is very good.
ReplyDeleteit is a great job, I want it's prints copy shoud be provided by the public & to the public through every person minimum 5 copies only distribute to others
ReplyDeletecorruption se nipatne ke liye jan lokpal jaese sakht law ki jaroorat ha..mahendra
ReplyDeleteI want to see a corruption-less India in my life.
ReplyDeleteSameer Lavania from Mathura, Uttar Pradesh
Bahoot Jaroori hai brashtachario par lagam lagana
ReplyDeleteSameer Lavania from Mathura Uttar Pradesh
Sabse Jyada Dikkat Corrupted Politicians ko hi ho rahi hai, lokpal bill pass hone par
ReplyDeleteSameer Lavania from Mathura Uttar Pradesh
This is an excellent bill and I appreciate the work done by the drafting members of the India Against Corruption team. I strongly support along with my family members & All patriotic Indians should support it."We all are Anna"
ReplyDeleteChhatrapal Bisen.
Ashok Colony, Ganesh Nagar Gondia, Maharashtra,
+919823190700
crbisensir@gmail.com
Ye Bill pas hua tow bharat 10 year ke ander hi maha shakti.. ban jayega aur duniye salam karegi
ReplyDeletefirst af all i support Jan Lokpal Bill but i have some questions in my mind..and i am asking these questions in our Hindi language.
ReplyDelete1) kya Bharosa hai ki yeh Jan lokpal agency bharshtachaar nahi karegi?
2) Jan lokpal adhikariyon ke upar lage bharshtachaar ke aaropon ko hum kaise samajh len ki unhi ka department nishpaksh jaanch se suljhaayega?
3) Jo tareekey Jan lokpal department apne adhikariyon ke bharashtachaar ke khilaaf apnaayega, un tareekon ko hamaare abhi ke system mein use kyun nahi kiya jaa saktaa??
Shayad aam jantaa ke in sawaalon ko suljhane ki jimedaari Jan lokpal commitee ki hai...jis se ki aam aadmi ka bharosa Jan Lokpal bill par or bhi majboot ho sake.
Jai Hind
Mohit Sharma
Delhi
Thank a lot to ann ji and ann`s team
ReplyDeleteIs jan lok pal bill ko sabhi bharat vasi or politician's ko gambhirta se lena chahiye kyoki is draft me he desh ki pragati,Shakti awam samarth nihit hi....
ReplyDeleteor meri sabhi s reqest h ki jo v jis v tareke s is aandolan m samil ho sake us tereah s anna ji ka sath de or bhart ko 1 maha shakti banane m apna yogdan de.
yaad rekhna aapka thoda s saport aapko 1 sunhera kal de sakta h...........thanks
Neetesh Chourasiya
Jhansi (U.P.)
Journalist
B.P.N. Times Jhansi
9451266535
ABHI PEECHEY NAHI HATNA
ReplyDeleteThis janlok pall bill should pass in parliament.
ReplyDeleteJan Lokpal is the best
ReplyDeletejan lokpal is the very best
ReplyDeleteBahot hi achchha
ReplyDeleteAgar aapaka ye bill pass ho gaya aur kanun ban gaya to jarur bhrashtachar par bahot hi ankush aa jayega, parantu iske sath-sath is desh ki janta ko bhi imandari se kam karna hoga, kyonki janta apna kam jaldi aur dusre aadmi se pahle karvane ke liye shortcut istemal karti hai jisase bhrastachar ko badhava deti hai isliye eisa koi dusri vyavastha honi chahiye jisase public koi shortcut istemal na kar sake aur riswat na de sake uske liye koi kanun banane ke liye vichare. mai aap ke sath hu - Jay Hind
ReplyDeleteDear Sir Please mail me a copy of Govt. bill and Jan lokpal bill on my mail id rajabhishek8@gmail.com (both hindi & english)
ReplyDeletei want to spread it through mail....
ReplyDeleteJai Hind
Mai Nahi Manta ki aapke ye bill ko purna tarike se Sansad mai pass hone denge, Abhi vipaksh aur anya bill ko pass karne ke liye kah rahe hai par Jab Janlokpal bill Sansad mai aayega to ye sabhi koi na koi bat nikal kar ye bill ko nahi pass hone denge Kyonki agar ye bill pass ho jayega to unke pas koi power nahi rahega aur bhrastachar karne ke liye kuchh nahi milega, mufat ki Deshsewa kon karega.
ReplyDeleteAgar hum savi hindustaan vaasi india se bhrastachaar mitana chahte hai to aaj poore desh ki ek awaaz honi chahiye."BHRASTACHAAR MITANA HAI, NAYA BHARAT BANANA HAI".aur agar es sapne ko hum bharat vaasi aaj sakar nahi kar sake to sayad phir ye sapna kavi sakar bhi Nahi ho payegi. aur bharastachaar mukt bharat ka sapna ek sapne ki tarah hi rah jayegi. so requesting all the indian support to Anna Hazare to Discover a New India.
ReplyDeleteAgar hum savi hindustaan vaasi india se bhrastachaar mitana chahte hai to aaj poore desh ki ek awaaz honi chahiye."BHRASTACHAAR MITANA HAI, NAYA BHARAT BANANA HAI".aur agar es sapne ko hum bharat vaasi aaj sakar nahi kar sake to sayad phir ye sapna kavi sakar bhi Nahi ho payegi. aur bharastachaar mukt bharat ka sapna ek sapne ki tarah hi rah jayegi. so requesting all the indian support to Anna Hazare to Discover a New India
ReplyDeletethis is good but not fare what will academic qualification of lokpal this is not mention.i would like to say with very sorry that in our country there are no qualification criteria for higher post i.e Prim minister,president, and other equ.post .just like the same are going with lokpal.
ReplyDeletethanking you
kapil bhargava
www.batkahi-kap.blogspot.com
sir
ReplyDeletei think this jan lokpalbill bill will be destroy the minmum 50% curruption of india .........
bill must come in india......................
thank you...to all india who is supporting this bill
lokpal yah ek suprim cort hi hoga jaha corrption ki janch hogi aur yha desh ka pratek nagrik saman samja jayega...........
ReplyDeletethanks sir bill ke liya
ReplyDeleteDesh ka bache,jawan or Sr.citzan Annajee ke sath hai.
ReplyDeleteMil kar Bharshtachr mita hai.
Ye neta log kanoon apni suvidha or jeb bharne keliye banate hai. Parchr kiya jata hai vote dena jarori hai. mai bhi eshe apna adhkar manta ho. per vote de keshi. Chit or pat dono to NETAjee ke pass hai. just because the whole system is crroupted.
Eshi bar system badal kar hi rahege.
Anna jee hamara sab kuch MAA Bharti keliye.
B N D E M A T R A M
Anna hajare ka Janlokpal bill men Lok pal ke members agar bhrashtachari ho to unhe bhe isme hona chahiye. Agar annya aaropiyo ko Das sal saja ka pravdhan hai to Lokpal sadasyon ko sirf aur sirf umrakaid ki saja ka pravdhan hona chahiye. Kya iske liye Anna Hajare aur team taiyar hai. Aaj bahutsa kala dhan samajik sanghatnao ke pass hai. Unamese kuch bahotse sanghatan panjibaddha nahi hai lekin Janlok pal bill unko janlok pal ke dayare ke bahar rakhane ke liye adda hua hai. Kya Anna Hajare ko in samajik sanghatnao par itna vishwas Hai? Ya wo inhe Janbuzkar Tal rahe hai. Kyonki Shri. Arvind Kejdiwal aur Shri. Anna hajare Inki bhi Samajik sanghatnaye hai Isliye ? Shri Anna Hajare aur shri Kejriwal agar aapko lagata hai ki samajik sanghatnaye bhrasht nahi to unhe bhi Janlokpal ke dayre me aane dijiye. Aap dusaro ke bhrashtachar ke bare me bat karte ho to aap bhi lokpal ke dayre me aao. Janlokpal ne PRIVATE SECTOR ko loakpal ke dayre ke bahar rakkha hai. Kya is desh ke PRIVATE SECTOR men bhrashtachar nahi hai? Janlokpal kahata hai ki desh ke sabhi karmachari aur adhikari lokpal ke dayre me ho. Agar aisa mana jay to desh me 75 lakhs Karmachari aur Adhikari hai. Agar in sabko janlokpal ke dayre me laya jay to uske liye Kitni badi SYSTEM khadi karni padegi kya iska andaja Anna hajare aur Kejdiwal ko hai. Sarkar kah rahi hai ki Lokpal ke dayre me CLASS 1, SECRETARY LEVEL ke log hi isme hona chahiye jisase mukdama chalane ke lliye assani hogi. Iska dusare matlab ye bhe hai agar is CLASS 1 TATHA SECRETARY LEVEL ke logo ko janlokpal ka dar rahega to apane aap chhote karmachari par bhi wo waisahi nigrani rakkhenge. Ye sochana Kya Galat hai. Sarkar kahti hai ki 75 lakh logo ko itni badi tadat me Janlokpal me nahi laya ja sakta, lekin ha unke liye Janlokpal ke alava alag pravdhan kiya ja sakta hai to kya galat hai. Fir Anna hajare kyo jid karte hai. Ye sab padhane ke bad Anna hajare aur unki team kewal ise bhavnik mudda banakar rakhana chahti hai ya fir unkahi kuch CHHUPA AGENDA hai. Sochana padega. Anna hajare ke mandap me arakshan ke virodh me bhi posters lage huye hai. Tatha OBC, SC, ST ki Jati nihay Janganan nahi honi chahiye aise bhi posters lage huye hai. Iska kya matlab hai? ............... JARA SOCHIYE
ReplyDeleteअब पता चला कि नेता विरोध क्यो कर रहं है
ReplyDeleteजनलोकपाल मसौदा पी डी एफ में चाहता हूँ कहा मिलेगा
ReplyDeletethis is perfect jan lokpal bill
ReplyDeleteभ्रस्टाचार के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का हिस्सा कम-से-कम एक बार अवश्य बने,क्यूंकि इससे भारतीय होने का जो विशेष अहसास होता है...वो मन को अदभुत संतुष्टि अवश्य प्रदान करता है,विशवास ना हो तो कथित शब्दों को एक बार आजमां कर देखे,my support to this janlokpal bill.जय हिन्द
ReplyDeleteइस देश में भ्रष्टाचार की जड़ जरूरत से ज्यादा कठोर कानून और उनका पालन सुनिश्चित करवाने के लिए तैनात इंस्पेक्टर हैं। वे आपके केस में खामियाँ (जोकि कानूनन सही होती हैं) निकाल कर आपका केस रोक सकते हैं। आपको उन खामियों को दूर करने/अनदेखा करने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। अगर आप उसे रिश्
ReplyDeleteवत न दें तो उसका कुछ नहीं बिगड़ता बल्िक आपका काम अटक जाता है। जन लोकपाल (यदि बन भी जाए) तो उस इंस्पेक्टर को उन खामियों को अनदेखा करने का आदेश नहीं दे सकता। इससे वह रिश्वत भले ही न ले, लेकिन आपका काम हो जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। और हमारी आपकी समस्या काम होने की ज्यादा है, उसके रिश्वत लेने या नहीं लेने की इतनी नहीं है।
इसलिए हमें (या कह लें मुझे) जन लोकपाल की बजाय कठोर कानूनों को आसान बनाने की जरूरत ज्यादा है। कानून सरल होंगे, इंस्पेक्टर के पास आपके केस में खामियाँ निकालने का मौका नहीं होगा, तो रिश्वत का कोई मौका ही नहीं बनता। जब तक कानून सरल नहीं होंगे, भ्रष्टाचार चलता रहेगा, लोग स्वयं ही रिश्वत देने को मजबूर होते रहेंगे। लोकपाल के पास जो शिकायत लेकर जाएगा, उसका काम उन्हीं खामियों की वजह से लटका रहेगा।
कृपया इस विषय में अपनी टिप्पणियाँ अवश्य दें।
I supported janlokpal
DeleteMy support to this janlokpal Bill
ReplyDeleteSandeep Kumar Singh
HARDOI U.P.INDIA
cell no. 9935076266
sps.hardoi@gmail.com
Jan lokpal bill india ki dusri jan kranti hai Agar desh ko kese ne loota hai wo hai neta janlokpal bill me sabhi netao ki haiseyat ki janch ho jab janta use chune tab aur jab karkal pura hone ke bad uske janch ho sabhi sarkari service karne wale karamchari ke sath bhe hona chaheye.
ReplyDeleteSandeep Kumar Singh
HARDOI U.P.INDIA
cell no. 9935076266
sps.hardoi@gmail.com
भ्रष्टाचार करने वाले अफसर और नेताओं को जेल भेजा जाए....बस इतना सा है ये अभियान...... आइए इसमें साथ चलें..शायद हम और आप मिलकर इसे आन्दोलन बना सकें.RTI jaisa Saral Aur Majboot Ho.. जय हिन्द
ReplyDeleteSandeep Kumar Singh
HARDOI U.P.INDIA
cell no. 9935076266
sps.hardoi@gmail.com
Respected Anna Babu,
ReplyDeleteI AMIT ANALL SHRIVASTAVA Lecturer from Sikkim Manipal University, support from inner heart.
मिल के कसम उठाना है । अब चोरो को नही लाना है ॥
हम ने इनपे विश्वास किया । इन ने देश का सत्यानाश किया !!
amitanal4u@gmail.com
I SUPPORT LOKPAL BILL
ReplyDeleteI sport janlokpal bill 100/
ReplyDeletesunder lal pal
kanpur
I sport janlokpal bill 100/
ReplyDeletesunder lal pal Ex-Army
kanpur
I sport janlokpal bill 100/
ReplyDeletesunder lal pal Ex-Army
mob 8960960245
kanpur
AMIT ANALL : Dosto …,mujhe aisa lgta hai ki Mnmohn srkar ko ek bar fir se FREEDOM STRUGGLE OF INDIA ko padhni hogi ,
ReplyDeletekyonki azadi hme sirf Gandhi ke satyAgrh ke karn hi nhi mili balki usme kranti kariyo ki V ahm bhumika thi . avi to srkar ne sirf gandhi ke rup ko hi dekha hai , kranti kariyo ke gusse ka shailab to avi futna baki hai mere dost......
Muje facebook se jude har logo ke comment chahiye taki es mesage ko mai kafi aage tak vej saku.. so please…..comment on it.
!! Bande matram !!
!! Jai Hind Jai Bharat !!
!! Enqlab Zinda bad !!
!!Bharat Mata ki Jai !!
With Highly regards,
AMIT ANALL SHRIVASTAVA
amitanal4u@gmail.com
i support JLB
ReplyDelete"Kitne Baju Kitne Sar
Gin le Dushman Dhyan se
Hare Ga Wo Har Bazi Jab
Khele Ham Je Jaan Se"
Rahul jain
9893065491
Raipur C.G
ENQLAB ZINDABAD,
ReplyDeleteI SUPPORT JAN LOKPAL BILL.
KAUN KEHTA HAI KI AASMAN ME CHED NAHI HO SAKTA..
EK PATTHAR TO TABIYAT SE UCHCHALO YAROO.........
AFTER 28/08/2011 AT 11.00 IST.,I'M NOT RELAXED.
T.B.SINGH,S.A.
INDIA METEOROLOGICAL DEPTT,
GORAKHPUR
I support this bill
ReplyDeleteएक का भ्रष्ट आचरण दूसरे को भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए बाध्य करते हैं। अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए लोग भ्रष्ट आचरण करने पर मजबूर होते हैं। यदि देश से भ्रष्टाचार को मिटाना है तो सबको एक साथ होना होगा। कानून बनाने से नहीं उसे पालन करने से ही देश और समाज का विकास संभव है।
ReplyDeleteJheku fpnEcje lkgc dk uke vkrs gh
ReplyDeletefnfXot; flag viuk jkx vykius yxs fd
fpnEcje lkgc Hkz’V ugha gS mlds igys
jktk ds fy, Hkh ;gh “kCn cksyk djrs Fks
vc irk pyk fd usrk yksx D;ksa
fojks/k dj jgs Fks
agar lokpal bill pass ho gya to desh k corrupt leaders and govt servants ko to jail ki hawa khani hi padegi. jai hind
ReplyDeletedurbhagya dekheye is desh ka aam public anna ke sath to per na to use yah pata hai ki anna ka lokpal kya hai na hi sarkar ka lokpal kaisa hai
ReplyDeletegood and very good lokpal
ReplyDeleteThis is Right because all officers are in corruption. Very Good
ReplyDeletewe r with u..keet it on..
ReplyDeletejan lokpal bill aana hi chihiye! bas bahut ho gaya bhrastachar.
ReplyDeletei support jan lokpal bill
ReplyDeletejab prashasan sudhrega tabhi desh tarakki karega
bharat mata ki jai
jalde laggu karo sar gggggg
ReplyDeletecoming sanke for all bad leaders jan lokpal
ReplyDeletejan lokpal bill pass hona hi chahiye, aur jo log isse support nhi karte unhe iss desh mei rahne ka koi adhikar nhi hai....
ReplyDeletei request the people of india to support jan lokpal bill.
ye jan lopal bill hai. jai hind.
ReplyDeletedesh ko jan lokpal chahiye. Bharat sarkar adhiniyam 1935 nahi.
ReplyDeletejan lokpal hi humare desh ko tarkki ki rah dega baserte isko lagoo kiya jaye
ReplyDeletejan lokpal hi humare desh ko tarkki ki rah dega baserte isko lagoo kiya jaye
ReplyDelete