अब संघर्ष जन 'लोकपाल' और सरकारी 'जोकपाल' के बीच है.
जनलोकपाल में कोशिश है कि ग्राम पंचायत, नगर पालिका से लेकर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री तक के काम में कहीं भी भ्रष्टाचार है तो दोषियों को जेल भेजा जाए. रोज़मर्रा के सरकारी कामकाज में रिश्वतखोरी से दुखी आम आदमी को राहत मिले. व्यवस्था ऐसी हो कि भ्रष्टाचारी गलत काम करने से पहले दस बार सोचे कि जेल जाना तय है.
जोकपाल में कोशिश है कि राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, पासपोर्ट आदि बनवाने में रिश्वतखोरी को न छुआ जाए. सड़क, बिजली, स्कूल अस्पताल आदि में जो भ्रष्टाचार है उसे न छुआ जाए. और न ही प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या सांसदो के भ्रष्टाचार को छुआ जाए. केवल केंद्र सरकार के मंत्रालयों में बैठे चन्द अफसर या मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने की औपचारिकता कर ली जाए.
जनलोकपाल के समर्थन में देश की आम जनता है. जो अन्ना हज़ारे के साथ खड़ी है. जोकपाल के समर्थन में देश की तमाम भ्रष्ट ताकतें हैं जो सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों के साथ खड़ी हैं. जनलोकपाल कानून बनता है तो हमारा और हमारी आने वाली पीढि़यों का भविष्य बच सकता है. लेकिन जोकपाल कपाल कानून बनता है तो जनता की उम्मीदें एक बार फिर कम से कम 30-35 साल के लिए टूट जाएंगी और आम आदमी के लिए हर रोज़ नई समस्याएं इसी तरह खड़ी होती रहेंगी.
अब तय हमें करना है. हम कहां खडे़ होते हैं.
जनलोकपाल में कोशिश है कि ग्राम पंचायत, नगर पालिका से लेकर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री तक के काम में कहीं भी भ्रष्टाचार है तो दोषियों को जेल भेजा जाए. रोज़मर्रा के सरकारी कामकाज में रिश्वतखोरी से दुखी आम आदमी को राहत मिले. व्यवस्था ऐसी हो कि भ्रष्टाचारी गलत काम करने से पहले दस बार सोचे कि जेल जाना तय है.
जोकपाल में कोशिश है कि राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, पासपोर्ट आदि बनवाने में रिश्वतखोरी को न छुआ जाए. सड़क, बिजली, स्कूल अस्पताल आदि में जो भ्रष्टाचार है उसे न छुआ जाए. और न ही प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या सांसदो के भ्रष्टाचार को छुआ जाए. केवल केंद्र सरकार के मंत्रालयों में बैठे चन्द अफसर या मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने की औपचारिकता कर ली जाए.
जनलोकपाल के समर्थन में देश की आम जनता है. जो अन्ना हज़ारे के साथ खड़ी है. जोकपाल के समर्थन में देश की तमाम भ्रष्ट ताकतें हैं जो सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों के साथ खड़ी हैं. जनलोकपाल कानून बनता है तो हमारा और हमारी आने वाली पीढि़यों का भविष्य बच सकता है. लेकिन जोकपाल कपाल कानून बनता है तो जनता की उम्मीदें एक बार फिर कम से कम 30-35 साल के लिए टूट जाएंगी और आम आदमी के लिए हर रोज़ नई समस्याएं इसी तरह खड़ी होती रहेंगी.
अब तय हमें करना है. हम कहां खडे़ होते हैं.
कुछ महीने के लिए अपनी नौकरी कैरियर, दुकान, मकान छोड़कर लोकपाल बनवाने के लिए सड़क पर उतरेंगे या फिर किसी बहाने से खुद को समझा बुझाकर बन्द कमरे में चादर ढक कर सा जाएंगे. लोकपाल बन गया तो ठीक नहीं तो चाय की चुस्कियों के साथ कभी कभी जोकपाल को कोस लिया करेंगे.
अब ये आन्दोलन इस मोड़ पर पहुँच गया है कि जनलोकपाल का कानून बनना न बनना सरकार पर नहीं करेगा. यह निर्भर करेगा की किस शहर में कितने लोग सड़को पर उतरते हैं और जेल जाने के लिए तैयार होते हैं.
वक्त महज़ १५-२० दिन का है. उसके बाद तो संमीक्षा करने का ही मौक़ा मिलेगा.
'जन लोकपाल' आन्दोलन तंत्र पे जनता की सर्वोपरिता स्थापित करनेका आन्दोलन बने |
ReplyDeleteदेश का युवक आगे आए |
कॉलेज और युनिवर्सिटीयों में डिबेट हो |
हर गाव और शहर के मुहल्लों में सभाओं का आयोजन करके जन लोकपाल के लिए जाग्रति लाइ जाय |
सरकार के जूठे प्रचार का पर्दा फाश किया जाय |
पुरे देश में स्वयं सेवकों का चयन कर के देश वासियों को जेल भरो आन्दोलन के लिए तैयार किया जाय |
पब्लिक विजिलेंस कमिटियाँ बना के स्थानीय, राज्यस्तर्य और राष्ट्रीय स्तर के भ्रष्टाचार को सबके सामने लाया जाय |
बुद्धि जीवियों और व्यापक जन समुदाय को आन्दोलन के साथ जोड़ा जाय |
दिनेश वाघेला - गोवा |
Actually........v indians r not initiators but always a followers by birth. So its time to use our potential as somebody is fighting only 4 us....so just come forward and follow Mr. Anna Hazare in our campaign.
ReplyDeletewe r with u sir,people like us ll cooperate u whtever way we can bcz its nt a fight for a individual or a family.its a fight for those nd from those millions of poor indians who work hard every day just for sustaining thr life... bt in direct or direct way the benefit of thr hardwork is enjoyed by few individuals of this country who neither ve any interest nor any idea abt thr duties nd r blind in enjoying thr power nd position...thanx for being representative of those millions of weak nd helpless poor people
ReplyDeleteDesh me mudde ki bat ho na ki hero-heroine ke lifestyle ka. isliye hame sarkar ke sath-sath media ko bhi sudharne ki jarurat hai. isliye lokpal ke dayre me media ki bhumika pe bhi dhyan diya jaye. kyuki paper and news channel ke headlines and hamare bollywood ke highlights bahut hi gande ho gaye hai. jisse hamara yuwa samaj ki soch desh, sanskar etc...chodkar selfish hota ja raha hai.
ReplyDeleteawaaz do ham ek hain.
ReplyDeleteImran Khan Filed a PIL In Mumbai HC To Challenge The Govt Rule To Raise The Age Bar For Buying Alcohol......And Many Celebrities Came Forward & Supported Him Through Media.....Why No Filmstar Is Filing A PIL Against The Center For Drafting A JOKPAL Bill?....Welcome To India!!!!!!
ReplyDeleteLOKPAL AANA HI CHAHIYE CHAHE ESLIYE HAME KOI BHI KIMAT KYON NA CHUKAN PADE
ReplyDeletebhrtachar se huva desh ka bura hal
ReplyDeleteangregi dasta ke yad aa gaye sal
swiss bank ki jebe bharte desh huva kangal
maa bharti rah dekhti kaha gaye mere lal
aaiye veero bharat ma ka dhayan kijiye
"inclab jindabad"ka phir se gan kijiye
soniya sibbal ki kano ke kide ho jaye kam
garje itani jor se hum VANDE MATARAM
shri jai parkash narayan kranti ke baad ek baar fir BHARSTACHAR ke khilaaf nayi kranti ka samay aaya hai. Bharstachaar apne charam par pahunch chuka hai.Hum har bharat basi ko iss jang mein apni jaan ki parvah kiye bagair utrna hoga. yadi ab nhi jaage/uthhay to hum apni aane wali "generations" ki barbadi ke liye khud jimebaar honge.Aaj hum nhi jaage to hum khud nayi pidi ke raasto mein kaanto ke liye jimebaar honge. yadi LEADER DESH KA BHAVISHYA BIGAAD sakte hai to
ReplyDeleteDESH MEIN PRIVARTAN LAANA BHI HAMARE APNE HAATH MEIN HAI.
nice analysis. we are agree with you........
ReplyDeleteHum dekhenge
ReplyDeleteLazim hai k hum bhi dekhenge
Wo din k jis ka wada hai
Jo looh-e-azl pe likha hai
Hum bhi dekhenge
Jab zulm-o-sitam k kooh-e-giran
Roi ki tarah ur jaenge
Hum mehkomon k paaon tale
Ye dharti dhar dhar dharkegi
Aur ahl-e-hukum k sir oper
Jab bijli kar kar karkegi
Hum bhi dekhenge
Jab arz-e-Khuda k kaabe se
Sab but uthwae jaenge
Hum ahl-e-safa mardood-e-harm
Masnad pe bethae jaenge
Sab taaj uchale jaenge
Sab takht girae jaenge
Hum bhi dekhenge
Bas naam rahega Allah ka
Jo ghayab bhi hai hazir bhi
Jo manzar hai nazir bhi
Uthega ANAL HAQ ka nara
Jo mai bhi hon tum bhi ho
Aur raaj karegi Khalq-e-KHUDA
Jo mai bhi hon tum bhi ho
Hum dekhenge
Lazim hai hum bhi dekhenge
Hum dekhenge!