डा. मनमोहन सिंह जी,
माननीय डा. मनमोहन सिंह जी,
मैं
जब 5 अप्रैल को अनशन पर बैठा तो आपकी सरकार संयुक्त समिति बनाने के लिए
तैयार हो गई। हम बड़ी उम्मीद और पूरी ईमानदारी के साथ संयुक्त समिति में
शामिल हुए। चूंकि पूरा आंदोलन जन लोकपाल बिल को लेकर था, हमें उम्मीद थी कि
संयुक्त समिति जन लोकपाल बिल की कुछ छोटी-मोटी बातों को छोड़कर बाकी बातें
मान लेगी। दुर्भाग्यवश दो महीने चली इन बैठकों के बाद आज हम वहीं खड़े हैं
जहां 5 अप्रैल को खड़े थे, जब अनशन चालू हुआ था। 5 अप्रैल को भी दो ड्राफ्ट
थे - एक जनलोकपाल बिल और दूसरा सरकारी ड्राफ्ट। आज भी दो ड्राफ्ट हैं।
सरकारी लोकपाल बिल का जो मसौदा संयुक्त समिति के पांच मंत्रियों ने
प्रस्तुत किया है, वह देश के साथ एक मज़ाक है। सरकारी लोकपाल बिल का दायरा
इतना छोटा रखा गया है कि उसमें आम आदमी से जुड़ा किसी भी तरह का भ्रष्टाचार
नहीं आता। पंचायत के कामों में भ्रष्टाचार, गरीबों के राशन की चोरी, भुखमरी
का जीवन जी रहे मजदूरों की नरेगा-मजदूरी की चोरी.... एक आम आदमी से जुड़े
किसी भी भ्रष्टाचार को सरकारी लोकपाल बिल में कोई जगह नहीं दी गई है। सरकार
दावा करती है कि लोकपाल केवल बड़े स्तर का भ्रष्टाचार देखेगा। वहां भी
सरकारी दावा खोखला नज़र आता है क्योंकि पिछले दिनों सामने आया कोई भी
घोटाला सरकारी लोकपाल के दायरे में नहीं आता। आदर्श घोटाला, कॉमनवेल्थ
खेल घोटाला, खाद्यानों का घोटाला, रेड्डी भाइयों का घोटाला, ताज कॉरीडोर
घोटाला, झारखंड मुक्ति मोर्चा घोटाला, कैश फॉर वोट घोटाला, चारा घोटाला,
कर्नाटक का भूमि घोटाला इत्यादि- इनमें से कोई सरकारी लोकपाल बिल के दायरे
में नही आता। ऐसे में एक बहुत बड़ा सवाल उठता है कि सरकारी लोकपाल बिल के
दायरे में आखिर आता क्या है ? क्या सरकारी लोकपाल दिखावा बनकर नहीं रह
जाएगा? अभी तक सरकार की यही नीति रही है - नई-नई संस्थाएं बना दो लेकिन
उन्हें कोई अधिकार और शक्ति न दो।
सरकारी लोकपाल भी उसी तरह की संस्था बनने जा रही है जिसके पास न
अधिकार होंगे और न शक्ति। सारे राज्यों के कर्मचारियों को आपने इस कानून के
दायरे से बाहर रखा है। हमारा कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों पर निगरानी
रखने के लिए लोकपाल बनाया जाये और इसी कानून के तहत हर राज्य में लोकायुक्त
बनाया जाए। प्रणव मुखर्जी साहब ने मीिंटंग में कहा कि राज्यों के
मुख्यमंत्री इसके लिए तैयार नहीं हैं। पहली बात तो कि राज्यों के
मुख्यमंत्रियों से पूछने की ज़रूरत ही नहीं थी। क्योंकि यह मामला संविधान
की
Concurrent
List
में आता है। और इस पर केंद्र सरकार कानून बना सकती है। और दूसरी बात कि
कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लिखा था कि वे पार्टी
हाईकमान की बात मानेंगे जो फैसला पार्टी हाईकमान लेगी वह उन्हें मंजूर
होगा।
आप मुख्यमंत्रियों के पाले में गेंद डाल दे रहे हैं और मुख्यमंत्री
आपकी तरफ। दोनों अपनी ज़िम्मेदारी एक दूसरे के ऊपर डाल रहे हैं। इससे
भ्रष्टाचार से कैसे निपटा जा सकता है? हमें समझ में नहीं आता कि सरकार एक
ही कानून के ज़रिए लोकपाल और लोकायुक्त बनाने में क्यों हिचक रही है? क्या
राज्य सरकारों के भ्रष्टाचार से निजात पाने के लिए जनता को अभी और कई सालों
तक इंतजार करना पड़ेगा।
संयुक्त समिति की बैठकों में हमने बार-बार आपके मंत्रियों से कहा कि
लोकपाल के दायरे में सारे सरकारी कर्मचारी आने चाहिए। एक आम आदमी को तो
निचले स्तर के अधिकारियों के भ्रष्टाचार से रोज जूझना पड़ता है और उन्हीं को
आपने बाहर रख दिया। भारत सरकार हर साल 30 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा के
राशन की सिब्सडी देती है जिसमें से 80 प्रतिशत की चोरी हो जाती है। स्कूल,
अस्पताल, सड़क आदि के काम में तमाम तरह का भ्रष्टाचार होता है जो सरकारी
लोकपाल बिल के दायरे में नहीं है। ये सारी चोरी निचले स्तर के अधिकारियों
द्वारा ही की जाती है।
स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने कहा था कि आज सरकार के एक रुपए में से
जनता तक मात्र 15 पैसा ही पहुंचता है और बाकी का 85 प्रतिशत या तो चोरी हो
जाता है या जनता को उसका कोई लाभ नहीं मिलता। हमारा यह कहना है कि अगर सौ
रुपए में से 25 पैसे (यानि एक रुपए में मात्र एक चौथाई पैसा के बराबर)
भ्रष्टाचार रोकने के लिए खर्च कर दिए जाएं तो 15 प्रतिशत की जगह 100
प्रतिशत पैसे का लाभ सीधे जनता को मिलने लगेगा। आज़ादी के 62 सालों के बाद
तक हमने प्रभावी भ्रष्टाचार निरोधक तंत्र नहीं बनाया। और आज भी सरकार की
इच्छा शक्ति नज़र नहीं आती।
आपके मंत्रियों का कहना था कि देश में केंद्र और राज्य सरकारों को
मिलाकर सवा करोड़ से ज्यादा कर्मचारी हैं। इतने कर्मचारियों के भ्रष्टाचार
पर निगरानी रखने के लिए तो ढेरों कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ेगी। हमारा आपसे
पूछना है कि क्या इस कारण से आप इन सबको भ्रष्टाचार करने को खुला छोड़
देंगे। हमारा देश बहुत बड़ा है। हमारे देश में ढेरों सरकारी कर्मचारी है। तो
ज़ाहिर बात है कि इनके भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने के लिए भी ढेरों
कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ेगी।
मैं अतिविनम्रता के साथ आपसे जानना चाहता हूं कि एक आम आदमी
भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर आज कहां जाए? क्या उसे समाधान देना आपकी सरकार
का फ़र्ज़ नहीं है? आज आज़ादी के 62 सालों के बाद अगर आपकी सरकार आम आदमी को
भ्रष्टाचार से निजात दिलाने में अपने आपको असमर्थ पाती है तो यह
दुर्भाग्यपूर्ण है।
कानून की नज़रों में भ्रष्टाचार एक उतना ही घोर अपराध है जितना
बलात्कार व हत्या। आज भ्रष्टाचार सरकार के रग-रग में छा गया है। कल यदि
हत्या और बलात्कार की वारदातें इतनी बढ़ जाएं जितना आज भ्रष्टाचार बढ़ गया
है, तो क्या आपकी सरकार का यही रवैया होगा? मेरा मानना है कि किसी भी सरकार
का सर्वप्रथम कार्य समाज को अपराध से मुक्ति दिलाना है। किसी भी हालत में
कोई भी सरकार यह नहीं कह सकती कि हम अपराध से मुक्ति दिलाने में असमर्थ है
और यह ऐसे ही चलेगा।
आपकी सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने ही होंगे। और हम
इससे कम के लिए तैयार नहीं है। मैं आम आदमी के भ्रष्टाचार का समाधान खोजने
के लिए कटिबद्ध हूं। इसके लिए मैं और मेरे साथी बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने
के लिए तैयार हैं। आपकी सरकार के कुछ मंत्रियों ने और पार्टी के कुछ उच्च
पदाधिकारियों ने धमकी दी है कि यदि 16 अगस्त से मैं अनशन पर बैठा तो हमारे
आंदोलन को भी वैसे ही कुचल दिया जाएगा जैसे बाबा रामदेव के आंदोलन को कुचला
गया था। ऐसे उच्च पदाधिकारियों के इस तरह के बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ये
बयान संविधान के िख़लाफ हैं क्योंकि संविधान इस देश के नागरिकों को बिना
हथियारों के शांतिपूर्वक इक्कठा होकर प्रदर्शन करने का मौलिक अधिकार देता
है। इस तरह की धमकियां हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हैं। लेकिन फिर भी यदि
आपकी सरकार हमारे आंदोलन को कुचलती है तो हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं।
हम गिरफ्तारियां देने के लिए तैयार हैं। लाठियां खाने को तैयार हैं। पर
किसी भी हालत में हमारा हाथ नहीं उठेगा। पूरा आंदेालन अहिंसात्मक होगा। हम
हर बलिदान देने के लिए तैयार है। पर अब इससे और ज्यादा भ्रष्टाचार
बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ऐसा सुनने में आया कि आपकी सरकार अगस्त के पहले हफ्ते में संसद में
लोकपाल बिल प्रस्तुत करेगी। हमारी आपसे यह विनती है कि संसद में जन लोकपाल
बिल ही प्रस्तुत किया जाए। अभी जो सरकारी लोकपाल बिल का मसौदा है उसमें
ढेरों कमियां है। उन कमियों की सूची इस पत्र के साथ संलग्न है। उसमें वो
कमियां दूर करके ही संसद में उसे प्रस्तुत किया जाए।
संसद उस बिल पर क्या निर्णय लेती है - इसके लिए हम संसदीय प्रक्रियाओं
का इंतजार करने के लिए तैयार हैं। लेकिन कम से कम आपकी सरकार एक सख्त
कानून तो संसद में प्रस्तुत करे। यदि संलग्न सूची के मुताबिक सभी कमियों को
दूर करके एक सख्त लोकपाल कानून संसद में 16 अगस्त से पहले प्रस्तुत नहीं
किया गया, तो मेरे पास इसके सिवाय कोई चारा नहीं रह जाएगा कि मैं 16 अगस्त
से अनििश्चत कालीन अनशन के लिए फिर से बैठूं। जब मैंने 8 अप्रैल को पिछला
अनशन तोड़ा था ऐसा बोला था कि यदि सरकार 15 अगस्त तक एक सशक्त कानून पारित
नहीं करती तो मैं 16 अगस्त से फिर से अनशन पर बैठूंगा।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आपकी सरकार जन भावनाओं के अनुरूप भ्रष्टाचार
को रोकने के लिए संसद में एक सख्त कानून रखने का साहस दिखाएगी। मुझे आपके
उत्तर का इंतजार रहेगा।
भवदीय
कि. बा. हज़ारे (अण्णा)
प्रधानमंत्री , भारत सरकार,
नई दिल्ली
माननीय डा. मनमोहन सिंह जी,
भवदीय
कि. बा. हज़ारे (अण्णा)
सरकार वास्तव में जन लोकपाल बिल लाना ही नहीं चाहती.वह केवल जन-दवाब में इसे लाने की नॊटंकी कर रही हॆ.
ReplyDeletelets make this a revolution that no one can ever dare to do corruption
ReplyDeleteWe eagerly wait for August 16 if this government doest not accepts civil society version of Lokpal.
ReplyDeleteit will be very shamefull if the government passes the sarkari lokpal bill in the parliament which is having so many flaws ....
ReplyDeleteSarkar aaj kisi bhi hal janta ko ek jut nahi hone dena chahti jab virodh me anshan hota hai to enake mantri sarkar ki taraf se sntawna lekar aate hai aswasn dete hai ki jald hi hum kanun banage jo ki puri tarah se rajniti satranj ki tarah hota hai(jo pahle anna hajareji ke sath aur Baba ramdev ji ke sath hua)
ReplyDeleteatah es bar pure emandari ke sath ekjut hokar hame es ladai me sath dena hoga
jai hind
Jawab, madam se puch kar denge aapko, madam tab tak sara paisa swiss bank se transfer kar rahi hai, jab ho jayega tab hi jawab aayaega.....
ReplyDeleteमै धन्यवाद करता हु श्री अन्ना हजारे और बाबा रामदेव जैसे समाज सुधारको का, जिन्होंने हम जैसे विकलांगो को जगाने और भ्रष्टाचार के भवर को भागने का बेडा अपने सर उठाया . आपने सन 1963 भारत- चीन युद्ध के समय फ़ौज में भर्ती हो देश सेवा की शुरुवात की और आज आप एक देश के प्रभावी समाज सुधारक है . आपके महाराष्ट्र आन्दोलन ने उचा सुनने वाली सरकार के उसके ६ मंत्रियो और ४०० अफसरों को चलता कर सरकार के कानो में डंका बजा दिया .
ReplyDeleteपर जब जब भ्रष्टाचार की गर्मी को लोकपाल की शीतलहर से मिटाने की बात आती है तब तब मायूशी के बादलो की बारिश मेरे और देशवाशियो के उपर होती है . " सच कहते है इतिहास खुद को दोहराता है, पर अन्ना जी प्रश्न यह है की कितने बार ? क्यों न लोकपाल के इतिहास को ही देखे, सन १९६८ में लोकपाल बिल में पहली बार साँसे भरी, १९६९ में लोकसभा से पारित हुआ पर राज्यसभा में ही इसका गला घोट दिया गया . तब से लेकर २००८ तक लोकपाल का ९ बार पुनर्जन्म भी हुआ, पर हर बार इतिहास दोहराया गया , रचा नहीं ! तो क्या लगता है अन्ना जी आपकी अगुवाई में १०वे लोकपाल बिल को ये दशाननं सरकार इतिहास रचने देगी. आकडे तो मुह फाड़-फाड़ के असफलता के गीत गा रहे है , पर हमें आशा है आपकी काबिलियत हमें सफलता के गीत जरुर सुनाएगी .
फिर भी लोकपाल बिल की शर्तो को लेकर मेरी आपसे सहमती नहीं बनती . प्रश्न सीधा सा उठता है, की " देश कौन चलाएगा सरकार या लोकपाल बिल " ? प्रधानमंत्री को इस बिल के अंदर घसीटने का सीधा सा मतलब है, लोकपाल को सर्वोच्च पद पर बैठाना . मै मानता हु हम जनता जनादन मूर्ख है , पहले तो एक महगाई डाईन सरकार को देश सौप देते है ,फिर डाईन सरकार अपना एक दब्बू नेता को राजकुमार बनाकर लगाम अपने हाथो में ले लेती है . मुझे अफ़सोस है की हमारा देश राजकुमार नहीं बल्कि डाईन चला रही है . जब देश ले लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री के उपर ही लोकपाल के डर का काल मढ़राएगा, तो क्या वो सही निर्णय ले सकेगा? . मेरा निवेदन है कि प्रधानमंत्री पद पर होते हुए उस व्यक्ति को इस बिल के अंदर ला लाये... क्यों कि प्रजा कभी राजा को शूली पर नहीं चढ़ाती, एक तो हम मुट्ठी भर वोटिंग कर उसे प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद पर बैठा कर उसका सम्मान करते है और फिर अगर वही जनता उसे फ़ासी पर लटकाने कि माग करे तो अन्ना जी इसे "लोकतंत्र " नहीं जनता कि "तानाशाही " कहेगे .
ANNAJI,
ReplyDeleteagar ahinsak aandolan karna hai to wo sabhi indian jo ye Sarkari Lokpal bill nahi chahate unhe 15th AUGST aandolan se pehle SIRF EK DIN K LIYE BLACK KAPDE PHEN K SARKAR K LOKPAL BILL KA VIRODH DIKHANA CHAHIYE.
janta ek-jut hai.
JAY HIND !!!ANNAJI,
agar ahinsak aandolan karna hai to wo sabhi indian jo ye Sarkari Lokpal bill nahi chahate unhe 15th AUGST aandolan se pehle SIRF EK DIN K LIYE BLACK KAPDE PHEN K SARKAR K LOKPAL BILL KA VIRODH DIKHANA CHAHIYE.
janta ek-jut hai.
JAY HIND !!!
हम होंगे कामयाब आना की अगुवाई में..
ReplyDeleteSARKARI BILL SE AAM AADMI KO KYA MILEGA,ISKEE CHINTAA SARKAAR KO KYON HONE LAGEE.PAANCH BARASH BAAD JAB AAM AADMEE KEE BEHOSEE TOOTATEE HAI,TO MEETHAA LOLEEPOP DEKAR CHUNAV JEET LIYAA JAAYEGAA.SARKAAR KEE NAZAR ME AAM AUR KHAAS SABKUCHH VE KHUD AUR UNAKE CHELECHANTI HEE HAI.
ReplyDeleteSARKAAR KO AANDOLAN KE ZARIYE SAMJHAANAA HOGA
KI UN KE ALAAVAA BHEE 125 KAROD ZINDAA MAANAV HAI
JO SARKAAREE TANTRA KE BHRASHTAACHAAR KO AB AUR
SAHAN KARNE KO TAIYAAR NAHEE HAI.
Express urslf such
ReplyDeletedat ur enemies too remembr u.
Laugh such tht
ur sadnes too laughs vit u.
Live ur life such
dat GOD too feels proud of u.
Shree Anna Ji, Aap ne pradhanmantri sahab ko patra to likh diya par vo to bebas hai bina sonia madam ki anumati ke vo kuch nahi kar sakte. Aur sonia madam apki maange kyo manegi unki rajnitik aajadi nahi loot jayegi. Aaj jo vo apni manmani kar rahe hai us par ankush lag jayga. Aaj janta samajh chuuki hai jab vo sare samaj ke samne Baba Ramdev aur aapke saath dhoka kar sakte hai to pata nahi janta se pichle 62 sallo me kitna dhoka kiya hoga.
ReplyDeleteAnna ji aap pradhanmantri sahab ko immandar keh sakte ho paar ek beimaan logo ka jo saath deta hai vo bhi beimaan hota hai. Aaj satta ke moh me vo apna dharam bhul gaye hai vo samajte hai ki Raajdand se badi koi shakti nahi par mai unse kehna chahuna raajdand se upar BHARAMDAND HOTA HAI aur usse koi bhi papi nahi bach sakta.
Jai Mata Di
Vande Mataram
कानून की नज़रों में भ्रष्टाचार एक उतना ही घोर अपराध है जितना बलात्कार व हत्या। आज भ्रष्टाचार सरकार के रग-रग में छा गया है। कल यदि हत्या और बलात्कार की वारदातें इतनी बढ़ जाएं जितना आज भ्रष्टाचार बढ़ गया है, तो क्या आपकी सरकार का यही रवैया होगा? मेरा मानना है कि किसी भी सरकार का सर्वप्रथम कार्य समाज को अपराध से मुक्ति दिलाना है। किसी भी हालत में कोई भी सरकार यह नहीं कह सकती कि हम अपराध से मुक्ति दिलाने में असमर्थ है और यह ऐसे ही चलेगा।
ReplyDeleteकेंद्र की सरकार इतनी कामिनी है उनोणे लाया हुहा लोकपाल मे अपने लोग अपायंट करके लोकपाल को बदनाम करेंगे बाद मे कहेंगे हमने पहले ही कहा था. लोकपाल लाने से कूछ नही होगा. अब हमे ब्रष्टाचार को लीगलाइज़ कर देना चाईए.
ReplyDeletebade sharm ki bat hai ki humare desh ke mantri hi sambidhan ko pairo tale kuchal rahe hain, aam admi to dur.
ReplyDeleteinse ab kya ummiden lagayi ja sakti hain.
yah bil parit hon hi chahiye taki is tarah ke bhrast mantri salakhon ke pichhe ho.
agar aisa hi chalta raha to janta khud hi kuchh karne par majboor ho jayegi. phir to sabko sambhalna bada muskil ho jayega.
manniy Prime Minister ji mere bhi aap se apil hai ki kuch kariye!
Hamare Hindustan ka nam mitti me milta ja raha hai.
Hum apne aap ko khud hi niche gira rahe hai. aise me humara naamo nishan mit jayega.
Jab kisi bollywood movie me Hero corrupt politician ya police officer ko sadak par ghasit-ghasit kar marta hai to hum log tali bajate hain. Aisa is liye hota hai ki janta netaon ko isi tarah sabak sikhana chahti hai, lekin real life me abhi tak itni himmat nahi juta pai hai.
ReplyDeleteHamare neta itne besharam ho chuke hian ki woh iske alawa aur kisi tarike se raji hone wale nahi.Hame chitthi likhne, shanti purna anshan, dharna pradarshan se kahin jyada housla jutana chahiye in netaon ko sabak sikhane ke liye.Tabhi ye hamari baat manenge.
Agar ye neta anna ko anshan karne se rokte hain to hum logo ko in tarikon par bhi bichar karna chahiye.
Time for Revolution...let the Heads roll!!!
ReplyDeletehttp://www.youtube.com/watch?v=RQBr7m0n0Zo&feature=channel_video_title
latho ke bhoot hai bhato se nahi manegi dr man mohan lal ki aur unki sena ki income details and blackmoney se blackmail karo kamino ko manmohan naam hai par man hai ki kursi ka mohan bana hua hai.
ReplyDelete"Inquilab Zindabad" (Long live revolution!)
ReplyDeleteek badi ladai ki taraf badhna hai ,
ReplyDeleteTime for revolution and it needs sacrifices to the cruel detectors.. may be in terms of our lives as well. We're ready.
ReplyDeletesarkar es andalon ko bhe kuchal dage jaise BABA Ramdev ko kuchla tha aur log kuch bhe nahe kar paye ....
ReplyDeleteहम होंगे कामयाब
ReplyDeleteधन्यवाद करता हु श्री अन्ना हजारे
sirf anna ji ke kosiso se hum kamyab nhi ho sakte.
ReplyDeleteaab waqt hai ki desh ki janta ko jagruk aur samajhdar banne ka
ek kaam karte hai bas karna hi to hai
arre itna time to hum apne bhawisya ke liye, apne baccho ke liye kar hi sakte hai. aakhir kab tak paiso ke picche bagenge.
humhe bas itna karna hai ki anna ji jo kuch karte hai wo hi humhe karna hai
jaise anna ji anshan pe bethe... humhe bhi bethna chahiye 1-2-3- nhi balki karodo ki sankhya me
unhone abhi P.M. ko letter likha humhe bhi letter likhna chahiye 1-2-3- nhi balki karodo ki sankhya mein.
tab ja kar unke kamjor sharir ko kuch bal milega
aur ye brasht sarkar ki haddiya hilne lagegi.
pura desh band karo, kaam kaj, office, school band kar do par khyal rahe ki jo mulrup se awashyak hai uski wawasthya chalu rahe
chalo itihas bana de.
jab humara bhawishya is hindustan ko dekhega to yaad karega
haa kuch badlaw aaya hai.
sirf kaan-fusur ya badbole hone se nhi chalega
"band karo band karo brachtachar band karo" ka nara lagao
aur desh ko bachao.........
ya kuch nhi kar sakte ho to iss anna ji ko ukhaad ke faik do.. saala buddha sarak gaya hai kya???
aur ghar jayo biwi bachho, item ke sat maze karo
desh ka kya hai wo to prakitik hai ek din bukhamp ya tusnami aayegi aur brachtachar apne aap khatam ho jayega aur desh ke priya netaji, aur humari samjahdar janta................
jai ho
me jaa raha hu apne aana ke paas
wo koi mera dada ya auncle nhi hai
pata nhi koun hai
par mera dil to kehta hai wo to koi na koi hai
JAI HIND
Let us start a decisive revolution from 16 August to root out rampant corruption as per the mandate and desire of UN convention against corruption and to send a strong message to corrupt incumbents.
ReplyDeleteanna ji , u r God to us, thanks for fighting for us. May God bless our country.
ReplyDeleteall congress leaders are motherfucker.
ReplyDeletelaaton ke bhoot baton se ni manne wale.
Anna ham aap ke sath hain..........
ReplyDeleteOUR P.M IS VERY GOOD MAN HE IS VERY COOL N SILENT UNKE SAMNE KITNA BHI CORRUPTION HO RHA HO VO KABHI KUCH NAHI BOLTE OR HA EK BAT JARUR BOLTE H K MUJHE IN SUB SE DUR RAKHO HE IS REALLY GOOD MAN AND HE HAVE A NEW NAME NOW ITS MANMON SINGH
ReplyDeleteaaj ham SWA-ADHIN na hokar NATAO ke adhin hai ,isliye pichade hai.
ReplyDeleteOUR P.M IS VERY GOOD MAN HE IS VERY COOL N SILENT UNKE SAMNE KITNA BHI CORRUPTION HO RHA HO VO KABHI KUCH NAHI BOLTE OR HA EK BAT JARUR BOLTE H K MUJHE IN SUB SE DUR RAKHO HE IS REALLY GOOD MAN AND HE HAVE A NEW NAME NOW ITS MANMON SINGH
ReplyDeleteAnna is charged with blackmailing the Government for Jan Lokpal bill. Our Prime Minister also personally wanted that PM should be under the purview of Loakpal but as he is the WEAKEST PRIME MINISTER, as proved once again, could not blackmail his party and the government for inclusion of PM under the Lokpal. He should have threatened to resign if PM is not included in this bill. Why he didnot do so? answer is very simple -- he only carries out the order of 10 Janpath [ and 10 Janpath want Raul Vinci to be the next PM ].
ReplyDeleteमै धन्यवाद करता हु श्री अन्ना हजारे जैसे समाज सुधारक का, जिन्होंने भ्रष्टाचार को भागने का बेडा अपने सर उठाया . आपने सन 1963 भारत- चीन युद्ध के समय फ़ौज में भर्ती हो देश सेवा की शुरुवात की और आज आप एक देश के प्रभावी समाज सुधारक है . आपके महाराष्ट्र आन्दोलन ने उचा सुनने वाली सरकार के उसके ६ मंत्रियो और ४०० अफसरों को चलता कर सरकार के कानो में डंका बजा दिया .
ReplyDeleteTime and Conditions disparately require revolution.
ReplyDeleteI request everyone to take part in this movement to write history in GOLDEN Letters.
ReplyDeleteReally I also not getting that what`s the problem on Anna Lokpaal Bill, i think in simple language that with whom i expecting when they all are also corrupt, so no need to beg anyone, we shud come with self power, which we can use according to myself, where we need we can use that power.
ReplyDeleteलगता है अन्नाजी को फिर से अनशन करना पड़ेगा | उन लोगों से जन लोकपाल बिल की मांग कर रहे है की जो स्वयं भ्रष्ट, नालायक, लुटेरे, चोर है | उसी के लिए ये सारे राजनीती में है | अन्ना का अनशन जन लोकपाल बिल लायेगा की नहीं ये पता नहीं, पर सोये हुए भारतीयोंको जरुर जगा रही है, राष्ट्र भक्ति का स्मरण करा रही है | और जल्द ही अन्ना जी , रामदेव जी या राजीव जी का सपना पूरा होगा, नपुंसक और स्वार्थी लोगोंको भागना पड़ेगा |
ReplyDeleteBcz i think ki jo kaam hamari pyari Government ko karna chahiye, wo ek aam aadmi karr raha hai, parr saayad unko ye bhi manjoor nahi, aakhir kyo ho manjoor, kyoki agar koi Marr raha hai to wo ek Aam Insaan hi Marr raha hai, koi Neta nahi.
ReplyDeletesarkar kabhi nahi chahegi ki sahi lokpal bill paas ho kyun ki uska sabse bada nuksan in corrupt netaon ko hi hoga to woh is ko kis liye paas karwayenge is liye agar desh ko bachana hai to Shri Anna ji ka tan mann se sath do nahi to sarkar is baar bhi kuchh kar sakti hai
ReplyDeletekal ko manmohan singh bolege ki maine anna ka letter pada hi nahi.......
ReplyDeletejaise vo 2g ghitale ya baki kisi ghotale ke bare me jante hi nahi the
Shashank ji main aapse puchta hu ki lokpal kya sidhe sidhe pradhan mantri ji ko doshi thehraega....??
ReplyDeletelokpal ke kuch adhikar abhi bhi simit hain...agar pradhanmantri ji ke against koi bhrastachar ka mamla aata hai tabhi to lokpal kuch karyawahi karega...
main aapse puchta hu kya sirf mantri aur sarkari naukarshah hi bhrastachar karte hain??kya pradhanmantri ji ko is baat ka samachar nahi milta hoga ki kaun se adhikari ne ya sansad nai bhrastachar kiya hai...
aap 2g spectrum ghotale ko hi dekh lijjiye...pichli dino ke samacharo main kaha gaya tha ki ptradhan mantri karyalay ko is baat ki suchna thi ki 2G ke licence kis tarah se vitarit kiye gaye the...kya tab unhone koi kadam uthana uchit nahi samjha??
commonwealth ghotale ko dekhiye...kya pradhanmantri ji ko is baat ka jara bhi andesha nahi tha ki usme kitna pesa vastav main lagna chahiye aur kitna pesa lag raha hai??
ya to fr pradhan mantri ji ko desh ki koi jankari nahi hai ya fir wo sab jante hue bhi aankh band kar ke bethe the??
ab aap bataiye kya pradhan mantri ji ko lokpal ke dayre main aana chahiye ya nahi??
aur rahi baat lokpal ke sthan ki...kya lokpal sidhe taur pe pradhanmantri ji ko doshi thehraega???nahi kyuki jese jab tak kisi court main kisi vyakti ke virudh tab tak koi karyawahi nahi hoti jab tak kikoi yachika na dayar kare...wese hi jab tak pradhanmantri ji kevirudh bhi tabhi koi karyawahi hogi jab koi unki shikayat likpal se karega...aurlokpal sidhe sidhe paradhanmantri ji ko doshi nahi thehraega...pehle purn dastavejo ko collect karega purntaya aashwasit hone ke baad hi koi pradhanmantri ji pe aarop lagaega....
ye BHARAT desh sabhi nagriko ka hai...aur pradhanmatri ji bhi isi desh ke nagrik hai...to agar kisi nagrikm pe lokpal karyawahi kar sakta hai to pradhanmantri ji ke virudhbhi karyawahi kar sakta hai.....
bharat ka itna sara rupya videsi banksmain jama hai....main ye nahi kahta ki is sarkar ke samay hi wo ikattha hua hai..pehle ki sarkare bhi ikattha karte aayi hongi...par is sarkar ne to had kar di hai...sara pesa aam aadmi se liya ja raha hai...mehangai badti hi chali ja rahi he...aam aadmi kangal ho raha hai...aur ye neta aur sarkari bhrasta karmachari apni jeb bharne me lage hai...iske virudh koi aawashyakkadam uthana bahut hi jaruri hai....aur civil society dwara prastavit lokpal bill ko manjuri milni chahiye...nahi to ek din aap bhi aur main bhi bas yahi kahte rah jaenge ""bhrastachar ne desh ko barbad kar diya hai""....
aur koi ho na ho main ANNA HAZARE ji ke sath hu...
aur haan rahi baat sarkar ya desh chalane ki...wo to sahab sarkar ka kaam hai...log sarkar chunte hai desh chalane ke liye...lokpal to bas un bhrasta logo ke virudh karyawahi karega jinke virudh shikayat milegi use....but agar chuni hui sarkar ke mantri bhrashta ho to desh kese chalega???tab to bas sarkar hi chalegi....logo main bahut aakrosh hai is sarkar ke khuilaf is bhrastachar ke khilaf...aur ek akela nagrik ise pura nahi kar sakta...pure desh ko iske khilaf khada hona padega...
ReplyDeleteदेश की जनता को जगाने के लिए अन्ना को शत शत प्रणाम ! आज संसद का सत्र शुरू हो रहा है ! संसद में लोकपाल विधेयक रक्खा जायेगा ! संसद की सारी बहस सिर्फ एक मुद्दे पर सिमटती नजर आ रही है की प्रधान मंत्री लोकपाल के दायरे में हो या नहीं ! मुझे लगता है ये सब कांग्रेस की चाल है ! बहस के बाद कांग्रेस प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने को तैयार हो जाएगी और विधेयक संसद में पास हो जायेगा ! जनता खुश हो जाएगी मगर और बहुत सारे मुद्ददे जो कही ज्यादा जरुरी है लोकपाल के अन्दर आने से रह जायेगे ! लोकपाल सरकार के अधीन होने के कारण प्रधान मंत्री या सरकार के किसी भी नेता का कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा जैसे कि सीबीआई नहीं बिगाड़ पाती!
ReplyDeleteRespected Sir,
ReplyDeleteI Live in uttarakhand.This is a small State and No way of Income.Ek terriost ko palne ke liye to arbo hai lekin aam aadmi ke liye kuchh nahi.inse ye koi puchhe ki kasab ko abhi tak fansi nahi dee gayee kiyo.jabki usne arbo rs ke or aamjanta ko maara.hum use kiyo paal rahe hai hai koi jabab sarkaar ke paas.
Plz band karo Ye mot ka khel.
Kab jagegi sarkaar........................
ye kab hoga........................
We all are with U Anna ji ..Hamari Jaan tak chali jaye hum pichey nahi hatengey par is sarkar ko saja do ..isne hamen dhokha diya hai....Aour Sahi Lokpal Lao
ReplyDeleteMUJHE SAK HAI KI UPA SARKAR KISI BHI SURAT MEIN LOKPAL BILL PASS KAREGI KYUN KI UNHE PATA HAI KI AISA KARTE HI UNKE KAI MANTRI AUR OFFICERS ISKE GHERE MEIN AA JAYENGE. AUR AISA BHI HO SAKTA HAI KA SACCHAI SAMNE AANE PAR UPA SARKAR GIR JAYE ISLIYE YE HAJARON LOGON PAR AADHI RAAT AMANVIYA HAMLA TO KARWA SAKTE HAIN LEKIN EK SACCHI AUR ACHHI LOKPAL BILL PASS NAHIN KAR SAKTE. MAIN IS ANDOLAN MEIN AAPKE SATH HUN ANNA JI.
ReplyDeletekaun kahta hai ki hindustan aazad hai. Pahle angrej shashan karte the ab ye ghooskhor sarkari karamchari aur neta log. sabko bas apne khane ki padi hai. Aaj ke is daur main anna hazare ji vo kaam kar rahe hain jo "GANDHI JI" ne angrezo ke khilaf kiya tha. Anna Ji hum aapke saath hain.
ReplyDeletelokpal bil se aakhir sarkar darti q hai ? q ke janta ko puchke koi kam karna karna chati hi nahi he sarkar ? jab ilecation aata hai to srakar public ke pass vote magne nikal padti hai aur hum log uska chunav karte hai our janta janar dhan sarkar bithati hai ? fir vo log anpk ko kya samjne kagte he ke hum log jantake baap ho ge hai ab hamara kya ukhar legi janta ab janta mare ya madha fode hum log sarkar to ,,,swiss bank tijori bhrane me lage rahe ge ? bhrashtachar ko dor itna lamba he ke sab log jude huve he hum kis sarkar se lokpal bil ki aasa rakh rahe hai is desh ki halat bigd rahi he desh ka kya hoga age jake pata nahi uparwala jane....................anna hajrae saheb desh ko bacho bacho in brashtachar sarkar se ? moghvari mar dale gi ?
ReplyDeleteI see this is pure 'Gundardi' going on by Govt. What goes on in 'Galli' that's happening in Dilli.
ReplyDeleteMain reason is peoples are not awaken but this is good life time chance bought to us by Anna Hajare, we'll show them that we sleeping and slowly uniting too.
Thanks Anna Hajare.
Aaj apna daish kuch chand baimaan logo k karan ess bharastachar rupe dal-dal mai fansta ja raha hai esay rassi rupe daish k sabhi (bache, buzurg, jawan etc..) sabhi k sath ki purn roop se avshakta hai tho plz 16 Aug ko vo karke dekha de jo hum sub logo ne aur hamare daish k SHAEEDO ne apne daish ka sapana dekha (HAMARA BHARAT, PYARA BHARAT, SUNHERA BHARAT )
ReplyDeleteABHI NAHI
THO
KABHI NAHI
JAI HIND
jab adhiktar neta log criminal background se aa rahe hai to phir corruption ke bare me neta log kyo koi kannon banne denge.Anna aur ramdeo to kya Mahatma gandhi bhi aaj ke bharat ke netao se haar kar desh chod dete.
ReplyDeleteBINNU JI- mai lokpal bill ke khilaaf nahi hu... Ek pradhanmantri ke pad per baith kar nirnay lena koi bacchho ka khel nahi hota. uske nirnay me kayi risk bhi hote hai.per desh hit ke liye kuch nirnay lene hi padte hai. agar yada-kada uske kuch nornay galat nikal jaaye to iska matlab ye nahi ki usko faasi pe chadhane, aur court-kachahri me ghaseeta jaye. mai sirf us pad per baithe vayakti ko is bill se bahar rakhne ki maang karta hu. uske matrimandal ko nahi. rahi baat pradhanmantri pe aarop lagane ki...to to dushri partiyo k log muhh faad ke baithe hai.. unhe to ek seedha raasta lokpal k jariye hi mil jayega. fir pure 5 saal k karyakaal me prandhanmantri ji court-kachhrai ke chankkro se khud ko bachaate najar aayege. lO hO gayI desh ki seva.
ReplyDeleteaur agar log inte hi jagruk hai lokpal k liye to unhe ek achhi sarkar ke liye bhi jagruk rahna chahiye... agar unhe pyaaj k daam badhne ka dar hota hai to ek din k liye ghar bartan chhod vote daal ke ek sahi sarkar ka chunaav karna chahiye. muh-faad ke kuch bhi haq maagege to kuch nahi milega. mai koi is congress sarkar k pakch me nahi bol raha hu... ye lokpal ke durgaami parinaamo ko darshaata hai. mai shri anna k saath hu. per unki sirf ekzid ki wajah se ye lokpal ka itihaas fir se dohraya jaa sakega... racha nhi. :(
aur binni ji mera naam "SHASAK SINGH SENGAR" hai,shashank nahi..
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ReplyDeleteMain Mr. Shashank Singh ka confusion door karna chahta hoon, As of Now, PM ki inquiry CBI Kar sakti, but cbi is under government, but our demand is PM ki inquiry non-government organization i.e. lokpal se karayi jai,
ReplyDeletepls confirm Lokpal sirf inquiry kar sakta hai na ki saja de sakta, saja sirf court degi if court find any evidence against PM.
I don't think there is any thing wrong as we are demanding, you are requested to pls go to web site of IAC on public consultation page, they will consider your view also for improvement of JLB ultimately it is for us, but first time in the history india, its from us....jai hind..
if u r asking to a thief to surrender and then we will hang u.... then r u nuts to expect the thief to surrender....they r making us fool and fun of it from last 65 years...
ReplyDeleteye congress raj h.......
ReplyDeleteCheck the Anna HAzares` this Letter Tranlated in English
ReplyDeleteAnna Hazare Letter to PM
www.thinkthoughtsagain.blogspot.com
ReplyDeleteअन्ना हजारे आपको सत सत नमन है . आपने जो कदम उठाया है वो शायद चाह कर भी कोई नहीं उठा पाता . सरकार जन लोकपाल बिल के खिलाफ जाकर ये एहसास करा रही है की वो खुद Corrupted है .
ReplyDeleteहम देश्वाशी हमेशा आपके साथ है .
जय हिंद !
ANNA JI AAGE BADHO DES TUMHARE SATH HAI...........
ReplyDeleteAnna ji ko sadar nman.Aapki nonviolence muhim ka me kayal hu. baba aapki dhrid echha shakti ne pure des ko jn andolan k sath joda h.aaj hamare des me aise sachhe praneta ki jarurt thi jo des se corruption jad se samat krade wo junon prerna hr indian ne aap se le kr visal jan andoln me sahbhagidari nibhkr sabit kr dikaya k loktantra me kaise abhivyakti ki swatantra h nki politician ki.ye sb hamre vote se chune numainde hmri awaz uthne k liye vidhansabha,loksabha ,rajyasabha me beje gaye h n ki hme constitution ka gyn sikhane k liye bheje h.aapke jajbe ko salam ki apne aaj des ki annkho se prda hta diya h."ganesh juyal dehradun,uttarakhand"
ReplyDeleteAnnaji,
ReplyDeleteJanlok pal, koi si bhi party satta me kyo na ho, yeh sabhi neta kabhi bhi ise sansad me paas nahi hone denge, aur na hi ise astitva me ane denge. Jab tak ek aisa rajnitik dal national level par gathit nahi ho jata hai, jo ki janlokpal ki bhavana ko samajhe aur jisake sabhi leaders niche likhi baaton ko pura karen :-
(1)chnuv se pehle aur baad men apani aur parivar ke sabhi sadasyo ki income aur property har saal declare kare.
(2)sath hi yeh vaada kare ki woh koi vetan bhatte vishesh suvidha aur pensions, sansad ya mantri ke rup me nahi lange. Kanun banakar sabhi vetan bhatte, pension jaisi suvidha samapt karenge.
(3) Sabhi is baat me vishwas rakhate ho ki rajniti desh sewa ke liye hai, na ki career, power aur paisa banane ke liye.
(4)Rajniti nih swarthbhav se desh ke liye karen na ki apane bhale ke liye.
(5)Kisi bhi prakar ke daagi ya jis par polie F.I.R. darj ho aise kisi vyakti ko chunav me nahi utarenge.
(6)Jati, Dharma, Kshetra, Bhasha ke adhaar par koi bhedbhav nahi karenge. In sabhi se upar uthakar desh sewa karya karenge.
Adrniya Annaji,
mai janata hu ki aapne sakriya rajniti me kabhi nahi utarane ka vaada kar rakha hai, kintu aap aur aapke sadasya bhale hi rajniti me na utare lekin ek aisa rajnitik manch to khada kar hi sakate ho, jo upar likhi baaton par chale. Kyoki aise rajnitik dal me hi aapko aur hum sabhi ko hamari bhavana ko samajhane wale janpratinidhi mil sakate hai. Aisi political party khadi karana mushkil jarur hai parantu asambhav nahi. Kyoki har achhi shuruat safal avashya hoti hai. Sabhi bharatiyon me jan jagruti lane ke liye sadhuvaa.
Ishwar ki krupa se ham avashya safal haoge.
Vandemataram
ROHIT MANDLE
rajniti deshsewa ke liye hai na ki paisa aur power ke liye. Ye sab chahiye to padho, degree lo aur competition exams pass kar IAS IPS ke saath career banao.Mahatma Gandhi, Bhgat singh adi logo ne koi vetan, bhatta pension nahi li to in aaj ke netao ko kounsa vetan aur pension. hum sabhi ko sochana chahiye
ReplyDeletemughe is bat ka jawab chahihe ki kya sarkar ko kanun banana chahiye gutkha per pratibhandh laga lekin vah khuleam bik raha kya apraghi ko sja dekar acha kam kar rahi hai sarkar jo ki jail mai jakar aur apradh karna sikha jata hai balki sarkar ko chahiye ki apradhi ko sjha n dekar use us kam ke n karne ki ya use us dhosh dur karne ka upay karna chahiye india ki garibi ka mool karan hai paisa kya paisa khatam nahi ho kya ham rati ki badle apni mehnat sai banaya huha kucha bhi chij nahi de sakte kya jaise kapda mehnat karke makan banana kya aka vakti ko rahne ke leye ak se adhik makane me rahne ki anumati kya sarkar ko sabhi ko makan nahi de sakti kya sabhi ko paisa avshakta se adhik rakhne ka adhikar hai kya shiksha sikhne ke sat berajgaro ko nakri ya savrojgar nahi de sakte. kya sarab per pratibandh nahi lagaya ja sakta kya esase bharat ki tarki hai.
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